धिक् जीवन जो पाता ही आया है विरोध यह पंक्ति निराला की किस रचना की है?

1. धिक् जीवन जो पाता ही आया है विरोध यह पंक्ति निराला की किस रचना की है?

उत्तर - राम की शक्ति पूजा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचना है यह पंक्ति धिक् जीवन जो पाता ही आया है विरोध उन्हीं की रचना राम की शक्ति पूजा से है। 

राम की शक्ति पूजा एक महाकाव्य है जिसका प्रकाशन 1936 में किया गया था काव्य का प्रारम्भ कथात्मक रूप से होता है। 

'Dhik jeevan jo pata hi aayaa hai virodh yaha pankti nirala ki kis rachna ki hai?

Related Posts

Post a Comment