मानव अथवा प्रकृति के सूक्ष्म व्यक्त सौंदर्य में आध्यात्मिक छाया का भान मेरे विचार से छायावाद की सर्वमान्य व्याख्या हो सकती है। यह कथन किसका है?

1. मानव अथवा प्रकृति के सूक्ष्म व्यक्त सौंदर्य में आध्यात्मिक छाया का भान मेरे विचार से छायावाद की सर्वमान्य व्याख्या हो सकती है। यह कथन किसका है?

उत्तर - उपर्युक्त कथन नंददुलारे वाजपेयी का है। 

'Manav athva prakriti ke sukshma vyakta saundarya me aadhyatmik chhayaa ka bhaan mere vichar se chhaayaavaad ki sarvmanya vyakhya ho sakti hai.' yaha kathan kiska hai?

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