भाषा के लक्षक एवं व्यंजक बल की सीमा कहाँ तक है, इसकी पूरी परख इन्हीं को थी?' घनानंद के संबंध में यह टिप्पणी किसने की है?

1. 'भाषा के लक्षक एवं व्यंजक बल की सीमा कहाँ तक है, इसकी पूरी परख इन्हीं को थी?' घनानंद के संबंध में यह टिप्पणी किसने की है?

उत्तर - 'भाषा के लक्षक एवं व्यंजक बल की सीमा कहाँ तक है, इसकी पूरी परख इन्हीं को थी?' घनानंद के संबंध में यह टिप्पणी आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने की है। 

'Bhasha ke lakshya ewm vyanjak bal ki sima kahan tak hai, iski poori parakh inhin ko thi?' Ghananand ke sambandh me yah tippani kisne ki hai?

'Bhasha ke lakshya ewm vyanjak bal ki sima kahan tak hai, iski poori parakh inhin ko thi?' Ghananand ke sambandh me yah tippani Aacharya ramchandra shukla ne ki hai.

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