M.A. HINDI Second Sem PAPER SIX (मध्यकालीन काव्य) Solved Paper 2018
1. केशवदास ने 'रामचंद्रिका' की रचना किस कवि की पर्तिस्पर्धा में की ?
उत्तर - केशवदास ने ' रामचंद्रिका ' की रचना तुलसीदास की पर्तिस्पर्धा में की थी।
2. "कविता करके तुलसी न लसे, कविता पा लसि तुलसी की कला। " कथन किसका है ?
उत्तर - यह उपर्युक्त कथन अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध का है।
3. " वातसल्य और श्रृंगार के क्षेत्र में जितना अधिक उद्घाटन सुर ने बंद आँखों से किया है , उतना किसी और कवि ने नहीं किया। सूर इस क्षेत्र का कोना-कोना झाँक आए है। " यह कथन किसका है ?
उत्तर - यह उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
4. निम्बार्क सम्प्रदाय में किस भक्ति को श्रेष्ट माना गया है ?
उत्तर - निम्बार्क सम्प्रदाय में श्री कृष्ण की भक्ति को महत्व दिया है और इस हिसाब से सगुण भक्ति को उन्होंने श्रेष्ठ माना है।
5. तुलसी की भक्ति किस भाव की है ?
उत्तर - तुलसी की भक्ति दास्य भाव की है।
6. रीतिकाल का अंतिम श्रेष्ट प्रकृतिप्रेमी कवि किसे माना गया है ?
उत्तर - रीतिकाल का अंतिम श्रेष्ठ प्रकृतिप्रेमी कवि ' द्विजदेव ' को माना गया है।
7. रीतिकाल में श्रृंगार की धारा को वीररस की ओर मोड़ने का श्रेय किस कवि को जाता है ?
उत्तर - रीतिकाल में श्रृंगार की धारा को वीररस की ओर मोड़ने का श्रेय ' भूषण ' को जाता है।
8. रीतिकाल में किस ग्रंथ की पचासों टीकाएँ रची गई ?
उत्तर -
9. " लोग हैं लागि कवित्त बनावत , मोहि तो मेरे कवित्त बनावत। " किस कवि की पंक्तियाँ हैं ?
10. मात्र एक ग्रंथ रचकर हिंदी साहित्य में अमर होने वाले रीतिकालीन कवि का क्या नाम है ?
11. किस कवि को ' कठिन काव्य का प्रेत ' कहा जाता है ?
उत्तर - केशवदा जी को कठिन काव्य का प्रेत कहा जाता है।
12. ' बिनु गुपाल बैरिन भई कुँजै ' में संयोग श्रृंगार है अथवा विप्रलम्भ श्रृंगार ?
13. हिन्ती काव्य में " भ्र्मरगीत " परम्परा का आरम्भ करने वाले कवि का नाम क्या है ?
14. पद्माकर सबसे सुंदर एवं उत्तम रचना कौन - सी है ?
15. किस कवि ने कुष्ठरोग से मुक्ति पाने के लिए " गंगालहरी " नामक ग्रंथ की रचना की ?
16. सूरदास के काव्य में कौन-सा रस प्रमुख है ?
17. भूषण के पहले ग्रंथ का नाम क्या है ?
18. अष्टछाप की स्थापना किसके द्वारा की गई थी ?
19. केशव को गुरु के रूप में सम्मान देने वाले ओरछा नरेश का नाम क्या था ?
20. किस कवि की पंक्तियों ने राजा जयसिंह की आँखें खोल दीं ?
M.A. HINDI (Second Semester)
EXAMINATION, MAY/JUNE, 2018
PAPER SIX
(मध्यकालीन काव्य)
Time : Three Hours M.M. 50
नोट : निर्देशानुसार सभी खण्डों के उत्तर दीजिए।
खण्ड-अ
(वस्तुनिष्ट/बहुविकल्पीय प्रश्न) प्रत्येक 1
नोट : सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. केशवदास ने 'रामचंद्रिका' की रचना किस कवि की पर्तिस्पर्धा में की ?
उत्तर - केशवदास ने ' रामचंद्रिका ' की रचना तुलसीदास की पर्तिस्पर्धा में की थी।
2. "कविता करके तुलसी न लसे, कविता पा लसि तुलसी की कला। " कथन किसका है ?
उत्तर - यह उपर्युक्त कथन अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध का है।
3. " वातसल्य और श्रृंगार के क्षेत्र में जितना अधिक उद्घाटन सुर ने बंद आँखों से किया है , उतना किसी और कवि ने नहीं किया। सूर इस क्षेत्र का कोना-कोना झाँक आए है। " यह कथन किसका है ?
उत्तर - यह उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
4. निम्बार्क सम्प्रदाय में किस भक्ति को श्रेष्ट माना गया है ?
उत्तर - निम्बार्क सम्प्रदाय में श्री कृष्ण की भक्ति को महत्व दिया है और इस हिसाब से सगुण भक्ति को उन्होंने श्रेष्ठ माना है।
5. तुलसी की भक्ति किस भाव की है ?
उत्तर - तुलसी की भक्ति दास्य भाव की है।
6. रीतिकाल का अंतिम श्रेष्ट प्रकृतिप्रेमी कवि किसे माना गया है ?
उत्तर - रीतिकाल का अंतिम श्रेष्ठ प्रकृतिप्रेमी कवि ' द्विजदेव ' को माना गया है।
7. रीतिकाल में श्रृंगार की धारा को वीररस की ओर मोड़ने का श्रेय किस कवि को जाता है ?
उत्तर - रीतिकाल में श्रृंगार की धारा को वीररस की ओर मोड़ने का श्रेय ' भूषण ' को जाता है।
8. रीतिकाल में किस ग्रंथ की पचासों टीकाएँ रची गई ?
उत्तर -
9. " लोग हैं लागि कवित्त बनावत , मोहि तो मेरे कवित्त बनावत। " किस कवि की पंक्तियाँ हैं ?
10. मात्र एक ग्रंथ रचकर हिंदी साहित्य में अमर होने वाले रीतिकालीन कवि का क्या नाम है ?
11. किस कवि को ' कठिन काव्य का प्रेत ' कहा जाता है ?
उत्तर - केशवदा जी को कठिन काव्य का प्रेत कहा जाता है।
12. ' बिनु गुपाल बैरिन भई कुँजै ' में संयोग श्रृंगार है अथवा विप्रलम्भ श्रृंगार ?
13. हिन्ती काव्य में " भ्र्मरगीत " परम्परा का आरम्भ करने वाले कवि का नाम क्या है ?
14. पद्माकर सबसे सुंदर एवं उत्तम रचना कौन - सी है ?
15. किस कवि ने कुष्ठरोग से मुक्ति पाने के लिए " गंगालहरी " नामक ग्रंथ की रचना की ?
16. सूरदास के काव्य में कौन-सा रस प्रमुख है ?
17. भूषण के पहले ग्रंथ का नाम क्या है ?
18. अष्टछाप की स्थापना किसके द्वारा की गई थी ?
19. केशव को गुरु के रूप में सम्मान देने वाले ओरछा नरेश का नाम क्या था ?
20. किस कवि की पंक्तियों ने राजा जयसिंह की आँखें खोल दीं ?
खण्ड-ब प्रत्येक 2
(अति लघु उत्तरीय प्रश्न)
नोट: सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्नों के उत्तर 2-3 वाक्यों में दीजिये।
2. सूरदास की गोपियाँ विरह की सजीव मूर्तियाँ क्यों कही जाती है?
3. सुंदरकांड के आधार पर तुलसीदास की तीन काव्यगत विशेषताएं लिखिए।
4. बिहारी के काव्य की तीन प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
5. भूषण की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
6. पद्माकर के काव्य वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए।
7. 'घनानन्द का अनुभूति पक्ष बहुत उत्कृष्ट और नैसर्गिक है। ' सिद्ध कीजिए।
8. केशव की हृदयहीनता पर तीन काव्य लिखिए।
9. देव की प्रासंगिकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
खण्ड-स प्रत्येक 2 1/2
(लघु उत्तरीय प्रश्न)
नोट: सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए। लगभग 75 शब्दों में सभी प्रश्नों के उत्तर पृथक-पृथक दीजिए।
10. सूरदास की काव्यकला पर प्रकाश डालिए।
11. भारतीय संस्कृति के उत्थान में तुलसीदास के योगदान को रेखांकित कीजिए।
12. 'बिहारी के काव्य में श्रृंगार का सजीव मनोहारी चित्रण है।' सिद्ध कीजिए।
13. 'संवाद योजना की दृष्टि से केशवदास अत्यधिक सफल रहे हैं। ' सिध्द कीजिए।
14. ' घनानन्द प्रेम के पीर में अमर गायक हैं। ' सिध्द कीजिए।
15. भूषण का काव्य राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत है। सिद्ध कीजिए।
16. ' पद्माकर काव्य में बसन्त ' विषय पर प्रकाश डालिए।
17. ' राधा विनोद ' का मूल प्रतिपाद्य क्या है ? स्पस्ट कीजिए।
खण्ड-द प्रत्येक 8
(व्यख्यात्मक प्रश्न)
नोट: निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
18.
हमसौं कहत कौन की बातें?
सुनी ऊधो। हम समुझत नहीं फिर पूछति है तातें।।
को नृप भयों कंस किन मारयो को वसुधौ-सुत आहि?
यहाँ हमारे परम मनोहर जीजतु है मुख चाही।।
दिन प्रति जात सहज गोचारन गोप सखा लै संग।
बासरगत रजनीमुख आवत करत नयन गति पंग।।
को व्यापक पूरन अविनासी, को विधि-वेद अपार?
सूर बृथा बकवाद करत हौ, या ब्रज नन्दकुमार।।
अथवा
निरगुन कौन देस को वासी?
मधुकर! हँसी समुझाय, सौंह दे बूझति साँच, न हाँसी।।
को है जनक, जननि को कहियत, कौन नारि को दासी?
कैसो बरन, भेस है कैसो, केहि रस में अभिलासी।।
पावैगो पुनि कियो आपनो, जो रे कहैगो गाँसी।
सुनत मौन है रहयो ठग्यो सौ, सूर सबै मति नासी।।
19.
सुनहु पवनसुत रहनि हमारी। जिमि दसनन्हि महुँ जीभ बिचारी।।
तात कबहुँ मोहि जानि अनाथा। करिहहिं कृपा भानुकुल नाथा।।
तामस तनु कुछ साधन नाहीं। प्रीति न पद सरोज मन माहीं।।
अब मोहि मा भरोस हनुमन्ता। बिनु हरिकृपा मिलहिं नहिं संता।।
अथवा
तब देखी मुद्रिका मनोहर। राम नाम अंकित अति सुंदर।।
चकित चितव मुंदरी पहिचानी। हरष विषाद हृदयै अकुलानी।।
जीति को सकइ अजय रघुराई। माया तें असि रचि नहिं जाई।।
सीता मन विचार कर नाना। मधुर वचन बोलेउ हनुमाना।।
20.
अधर धरत हरि के परत ओठ डीठि पट जोति।
हरित बाँस की बाँसुरी इंद्रधनुष रंग होति।।
अनियारे दीरघ दृगनि किती न तरुनि समान।
वह चितवनि औरे कछु जिहि बस होत सुजान।।
अथवा
अति अगाध अति औथरो नदी कूप सरबाय।
सो ताको सागर जहाँ जाकी प्यास बुझाय।।
उड़ति गुड़ी लखि लाल की अंगना अंगना माँह।
बौरी लौं दौरी फिरति छुवति छबीली छाँह।। विप्रलम्भ श्रृंगार
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