विप्रलम्भ श्रृंगार रस
हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह श्रृंगार रस का एक प्रकार है जिसमें नायक और नायिका के मिलन की अभिलाषा और उसका पूरा न होना दर्शाया जाता है। यह रस प्रेमियों के विरह के दर्द, उनके मनोदशा और उनके आंतरिक संघर्ष को बड़ी ही मार्मिकता से व्यक्त करता है।
विप्रलम्भ श्रृंगार रस की परिभाषा
भोजराज के अनुसार, "जहाँ रति नामक भाव प्रकर्ष को प्राप्त करे, लेकिन अभीष्ट को न पा सके, वहाँ विप्रर्लभ-श्रृंगार कहा जाता है।"
भानुदत्त के अनुसार, "युवा और युवती की परस्पर मुदित पंचेन्द्रियों के पारस्परिक सम्बन्ध का अभाव अथवा अभीष्ट अप्राप्ति विप्रलम्भ है।"
सरल शब्दों में कहें तो - विप्रलम्भ श्रृंगार में प्रेमी और प्रेमिका के मिलन की इच्छा तो होती है लेकिन वे एक-दूसरे से दूर रहते हैं, जिससे उनके मन में विरह की पीड़ा उत्पन्न होती है।
विप्रलम्भ श्रृंगार रस के लक्षण
विरह: प्रेमी और प्रेमिका का एक-दूसरे से अलग होना।
व्यथा: विरह के कारण उत्पन्न होने वाला मानसिक कष्ट।
आकांक्षा: प्रियतम को पाने की तीव्र इच्छा।
विलाप: विरह के कारण होने वाला रोना-धोना।
स्मरण: प्रियतम के गुणों और रूप का स्मरण करना।
विप्रलम्भ श्रृंगार रस के भेद
विप्रलम्भ श्रृंगार को मुख्यत दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
आश्रय-विप्रलम्भ: जब प्रेमी या प्रेमिका अपने आश्रय (घर, नगर आदि) से दूर होता है।
संपर्क-विप्रलम्भ: जब प्रेमी और प्रेमिका एक ही स्थान पर होते हैं, लेकिन किसी कारणवश मिल नहीं पाते।
विप्रलम्भ श्रृंगार रस के उदाहरण
मीराबाई की पदावली: मीराबाई ने अपने पदों में कृष्ण के विरह का मार्मिक चित्रण किया है।
तुलसीदास की रामचरितमानस: सीता के हरण के बाद राम का विरह का वर्णन।
कबीरदास के दोहे: कबीरदास ने प्रेम० और विरह को लेकर अनेक दोहे लिखे हैं। विप्रलम्भ श्रृंगार रस का महत्व
मानवीय भावनाओं का चित्रण: यह रस मानवीय भावनाओं, विशेषकर प्रेम और विरह को गहराई से उजागर करता है।
साहित्य का सौंदर्यवर्धन: यह रस साहित्य को भावुक और मार्मिक बनाता है।
पाठक का मनोरंजन: यह रस पाठकों को भावुक करता है और उन्हें कहानी में खींच लेता है।
निष्कर्ष: विप्रलम्भ श्रृंगार रस हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह रस प्रेमियों के विरह के दर्द को बड़ी ही मार्मिकता से व्यक्त करता है और पाठकों को भावुक करता है। यह रस मानवीय जीवन के उन पहलुओं को उजागर करता है जो सभी मनुष्यों के जीवन में आते हैं।
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