एक ब्लॉग जो की हिंदी साहित्य से जुड़ी जानकारियाँ आपके साथ शेयर करता है जो की आपके प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते हैं, इस ब्लॉग पर एम्. ए. हिंदी साहित्य का पूरा कोर्स लॉन्च करने का प्लान है. अगर आपका सहयोग अच्छा रहा हमारे ब्लॉग में पूरा कोर्स उपलब्ध करा दिया जाएगा. इसमें जो प्रश्न लिखे जा रहे हैं वह न केवल एम्. ए. के लिए उपयोगी है बल्कि यह विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी हिंदी साहित्य के प्रश्न विभिन्न फोर्मेट में हमारा ब्लॉग आपके लिए कंटेंट बनाते रहेगा अपना सहयोग बनाये रखें.
Home
›
हिंदी साहित्य
›
वात्सल्य और श्रृंगार के क्षेत्र में जितना अधिक उद्घाटन सुर ने बन्द आँखों से किया है, उतना किसी और कवि ने नहीं किया। सूर इस क्षेत्र का कोना कोना झाँक आए हैं। यह कथन किसका है?
वात्सल्य और श्रृंगार के क्षेत्र में जितना अधिक उद्घाटन सुर ने बन्द आँखों से किया है, उतना किसी और कवि ने नहीं किया। सूर इस क्षेत्र का कोना कोना झाँक आए हैं। यह कथन किसका है?
1. "वात्सल्य और श्रृंगार के क्षेत्र में जितना अधिक उद्घाटन सुर ने बन्द आँखों से किया है, उतना किसी और कवि ने नहीं किया। सूर इस क्षेत्र का कोना कोना झाँक आए हैं।" यह कथन किसका है?
उत्तर- उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का है।
Post a Comment