1. निम्नलिखित काव्य प्रयोजन किस आचार्य के हैं?
ऊँच नीच अरु कर्म बस चलो जात संसार।
रहत भव्य भगवंत जस, नव्य काव्य सुखसार।।
उत्तर - उपर्युक्त काव्य प्रयोजन देव का है।
Nimnlikhit kavya pryojan kis acharya ke hai?
Unch nich aru karm bas chlo jat sansar.
Rahat bhavya bhagvant jas, navya kavya sukhsar.
Uparyukta kavya pryojan dev ka hai.
Post a Comment