'मंगल काव्य' से क्या अभिप्राय है?

 1. 'मंगल काव्य' से क्या अभिप्राय है?

उत्तर - मध्यकालीन बंगला काव्य (1500-1800 ई.) की एक धारा 'शाक्त धारा' है जिसमें किसी एक स्त्री देवता-मनसा, चण्डी, अनंदा के माहात्म्य का वर्णन किया गया है। इसी शाक्त धारा का दूसरा नाम मंगल काव्य है। 

Mangal kavya se kya abhipray hai?

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