उत्तर - डॉ. गणपतिचंद्र गुप्त ने अपना 'हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास' सन 1965 में प्रस्तुत किया। इस समय तक हिंदी साहित्य के अनेक इतिहास प्रकाश में आ चुके थे। इसमें सबसे पहले हिंदी साहित्य के इतिहास के विकास से संबंधित सिद्धांतों की स्थापना की गयी है। उसी के प्रकाश में 'हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास' की रचना दो भागों में हुई है। प्रथम भाग सन 1184 से 1857 तक की हिंदी साहित्य की गतिविधियों पर आधारित है। द्वितीय भाग में सन 1858 से सन 1965 तक के हिंदी साहित्य का विवेचन है। डॉ. गुप्त ने अपने इतिहास के दोनों भागों को अनेक शीर्षकों में विभाजित किया है, वह उनके इतिहास को वैज्ञानिक सिध्द करने के लिए पर्याप्त है।
डॉ. गणपतिचंद्र गुप्त का 'हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास' कहाँ तक वैज्ञानिक है?
1. डॉ. गणपतिचंद्र गुप्त का 'हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास' कहाँ तक वैज्ञानिक है?
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