'चाँद का मुँह टेढ़ा है' किसकी रचना है?

1. 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' किसकी रचना है?

उत्तर - 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' गजानंद माधव मुक्तिबोध की रचना है। 

Chand ka muh tedha hai kisaki rachna hai?

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