अरस्तू के अनुकरण सिद्धांत का परिचय दीजिए।

प्रश्न 2. अरस्तू के अनुकरण सिद्धांत का परिचय दीजिए।

उत्तर - अरस्तू के काव्य-सम्बन्धी दो सिद्धांत हैं - अनुकरण सिद्धांत और विरेचन सिद्धांत। अरस्तू के अनुकरण सिद्धान्त का परिचय निम्न प्रकार है -

अनुकरण सिद्धान्त का बीजारोपण अरस्तू के गुरु प्लेटो ने किया था। प्लेटो ने मानवीय कला के दो भेद माने हैं - 

प्राकृतिक पदार्थ और उनकी प्रतिकृति अर्थात् नकल। प्लेटो ने अनुकरण की अनुकूलता के आधार पर ही काव्य को उत्कृष्ट माना है। वह देखना चाहता है कि काव्य में मूल वस्तु का अनुकरण किस सीमा तक हुआ है। दूसरी बात उस वस्तु का शुभ और अशुभ होना है। प्लेटो ने अनुकरण में भ्रांति, अज्ञान, असावधानी आदि अनेक कठिनाइयाँ मानी हैं।

अरस्तू ने अनुकरण का तात्पर्य प्रतिकृति अर्थात नकल न मानकर पुनः सृजन माना है। अरस्तू की दृष्टि में अनुकरण रचनात्मक कार्य भी है। वह साहित्य में अनुकरण को वस्तुपरक अंकन स्वीकार करता है। अरस्तू ने अनुकरण शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में किया है। वह अनुकरण को वस्तु की टूबहू नकल नहीं मानता। वह अनुकरण को निर्माण प्रक्रिया मानता है। अरस्तू की स्पष्ट धारणा है कि अलंकरण की प्रक्रिया प्रकृति के दोषों का निराकरण करके कला द्वारा उसकी अपूर्णात्मा की पूर्ति करता है। 

 arstu ka anukaran sidhant ka parichay dijiye?

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