14. विशेषण : Adjective
विशेषण किसे कहते हैं
वे शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। आंगन में आम का छायादार वृक्ष है। उस पर थोड़े फल और कई पत्तियाँ लगी हैं। इन फलों का स्वाद मीठा और अनोखा है। रोहन और रानी उसी वृक्ष के नीचे खेल रहे हैं। रोहन पढ़ने में होशियार है और रानी खेल में अव्वल।
उपरोक्त पंक्तियों में 'छायादार', 'थोड़े', 'कई', 'मीठा', 'अनोखा', होशियार', अव्वल' आदि। शब्द गुण, स्वभाव, रंग-रूप आदि का ज्ञान करा रहे हैं। इन शब्दों को विशेषण कहते हैं।
विशेषण के भेद कितने होते हैं
विशेषण के चार भेद होते हैं। जो निम्नलिखित है - गुणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, सार्वनामिक विशेषण।
1. गुणवाचक विशेषण - जो विशेषण किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण-दोष, रूप-रंग, आकार, स्थान, काल, स्वाद, दिशा आदि का बोध का कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे -
- गुण-दोष - सरल, दुष्ट, भला, विनम्र, दयालु, सच्चा, झूठा, ईमानदार, बेईमान, क्रोधी, बुद्धिमान आदि।
- आकार-प्रकार - छोटा, बड़ा, गोल, लम्बा, चौड़ा, खुरदरा, विशाल, सूक्ष्म, मोटा, पतला आदि।
- रंग-रूप - काला,सफेद, नीला, पीला, हरा, गुलाबी, गेहुँआ, सुनहरी, चमकीला आदि।
- देश-काल - जापानी, चीनी, रूसी, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, प्राचीन, आधुनिक, दैनिक, वार्षिक, ऐतिहासिक, ग्रामीण, शहरी आदि।
- अवस्था - तरुण, युवा, प्रौढ़, बूढ़ा, सूखा, द्रव, शुष्क, शैशव आदि।
- दिशा - पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी, बाहरी, भीतरी आदि।
- दशा - नया, पुराना, स्वस्थ, बीमार आदि।
- स्वाद - मीठा, खट्टा, कड़वा, फीका आदि।
- गंध - खुशबुदार, बदबूदार, गंधहीन, सुंगंधित, दुर्गन्धपूर्ण आदि।
2. संख्यावाचक विशेषण - जो विशेषण शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की संख्या विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ; जैसे -
- मेरे पास दो कलम हैं।
- तीन लोग पूजा कर रहे हैं।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद होते हैं -
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण - जो विशेषण किसी संख्या अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं; जैसे -
- मोहित के पास पाँच रुपए हैं।
- विवेक ने एक दर्जन केले खरीदे।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के छः भेद होते हैं -
- क्रमबोधक - पहला, दूसरा, छठा, पच्चीसवाँ, सौवाँ आदि।
- गणबोधका - दो, चार, आधा, सवा तीन, चौथाई आदि।
- आवृत्तिबोधक - दुगुना, तिगुना, चौगुना, दसगुना आदि।
- प्रत्येकबोधक - प्रतिदिन, प्रतिमाह, एक, चार-चार आदि।
- समुदायवाचक - आर्मी, झुंड, भीड़, कक्षा, टोली आदि।
- समुच्चयबोधक - दर्जन, जोड़ा, शतक आदि।
2. अनिश्चयवाचक संख्यावाचक विशेषण - जो विशेषण किसी संख्या अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते हैं, उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ; जैसे -
- विद्यालय में कई छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं।
- सभा में हजारों लाखों लोग पहुँचे।
3. परिमाणवाचक विशेषण - जो विशेषण शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की परिमाण संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं; जैसे -
- पापा दस किलो आता लाए।
- माँ पाँच किलो सेव लाईं।
परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते हैं -
- निश्चित परिमाण वाचक विशेषण
- अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण
1. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण - जो विशेषण शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध करवाते हैं, उन्हें निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं; जैसे -
पाँच मीटर कपड़ा, पाँच किलो दूध, दस तोले चाँदी आदि।
2. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण - जो विशेषण शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के अनिश्चित परिमाण का बोध कराते हैं, उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं ; जैसे -
थोड़ा आचार, कई किलो चावल, गजों जमीन, कई तोले सोना आदि।
4. सार्वनामिक विशेषण - जब विशेषण, सर्वनाम या संज्ञा से पहले लगकर उसकी विशेषता बताते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं ; जैसे - यह बच्च्चा, वह लड़की आदि। इन्हें संकेतवाचक या निर्देशवाचक विशेषण भी कहते हैं।
सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषण में अंतर
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। यदि इन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संज्ञा के पहले होता है, तो संज्ञा के विशेषण के रूप में प्रयोग होने के कारण ये सार्वनामिक विशेषण कहे जाते हैं ; जैसे-
- यह लड़की सुंदर है। (सार्वनामिक विशेषण)
- यह सुंदर है। (सर्वनाम)
- उस घर का बगीचा बड़ा है। ( सार्वनामिक विशेषण)
- उसने तुझे सौ रूपए दिए थे। (सर्वनाम)
विशेषणों की तुलना - तुलना की दृष्टि से विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती हैं -
- मूलावस्था
- उत्तरावस्था
- उत्तमावस्था
1. मूलावस्था - जब विशेषण द्वारा मात्र गुण या दोष को प्रकट किया जाए, किसी दूसरे से उसकी तुलना की जाए ; जैसे- मनीष बुद्धिमान है।
2. उत्तरावस्था - जब विशेषण द्वारा दो की तुलना में एक को अच्छा या बुरा बताया जाए; जैसे - राधिका, मंजू से अधिक सुन्दर है।
3. उत्तमावस्था - जब विशेषण के द्वारा एक की अनेक से तुलना करके उसे सबसे अच्छा अथवा बुरा कहा जाए ; जैसे - गौरव सबसे अधिक बुद्धिमान है।
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
---|---|---|
सरल | सरलतर | सरलतम |
बलिष्ठ | बलिष्ठतर | बलिष्ठम |
नीच | नीचतर | नीचतम |
सुंदर | सुंदरतर | सुंदरतम |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठतर | श्रेष्ठतम |
महान | महानतर | महानतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
निकट | निकटर | निकटम |
दीर्घ | दीर्घतर | दीर्घतम |
गुरु | गुरुतर | गुरुतम |
लघु | लघुत्तर | लघुत्तम |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
न्यून | न्यूनतर | न्यूनतम |
विशेषण शब्दों का निर्माण - कुछ शब्द मूल रूप से ही विशेषण होते हैं ; जैसे - छोटा, बड़ा, मोटा, चतुर, सुंदर, पतला, बुद्धिमान, श्रेष्ठ आदि।
कुछ विशेषण शब्द संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया अथवा अव्यय में प्रत्यय लगाकर बनाए जाते हैं।
संज्ञा शब्द से निर्मित विशेषण -
संज्ञा | प्रत्यय | विशेषण |
---|---|---|
बुद्धि | मान | बुद्धिमान |
बल | शाली | बलशाली |
स्वर्ण | इम | स्वर्णिम |
दर्शन | अनाय | दर्शनाय |
धन | वान | धनवान |
विकास | इत | विकसित |
भूगोल | इक | भौगोलिक |
देश | ई | देशी |
शक्ति | मान | शक्तिमान |
प्रतिभा | शाली | प्रतिभाशाली |
अंत | इम | अंतिम |
आदर | अनीय | आदरणीय |
गुण | वान | गुणवान |
शिक्षा | इत | शिक्षित |
संस्कृति | इक | संस्कृतिक |
योग | ई | योगी |
सर्वनाम से निर्मित विशेषण -
सर्वनाम | प्रत्यय | विशेषण |
---|---|---|
तुम | सा | तुमसा |
मैं | सा | मुझसा |
क्रिया से निर्मित विशेषण -
क्रिया | प्रत्यय | विशेषण |
---|---|---|
देखना | आवटी | दिखावटी |
चलना | ऊ | चालू |
बिकना | आऊ | बिकाऊ |
बनाना | आवटी | बनावटी |
भागना | ओड़ा | भगोड़ा |
पढ़ना | आकू | पढ़ाकू |
अव्ययों से निर्मित विशेषण -
अव्यय | प्रत्यय | विशेषण |
---|---|---|
आगे | ला | अलगा |
पीछे | ला | पिछ्ला |
बाहर | ई | बाहरी |
ऊपर | ई | ऊपरी |
विशेषण के प्रश्न उत्तर
- जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
- विशेषण जिन शब्दों की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेष्य कहते हैं।
- यदि सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संज्ञा से पहले होता है तो संज्ञा के विशेषण के रूप में प्रयोग होने के कारण ये सर्वनामिक विशेषण कहे जाते हैं।
- तुलना की दृष्टि से विशेषण की तीन अवस्थाएं होती हैं - 1. मूलावस्था 2. उत्तरावस्था 3. उत्तमावस्था
- छोटा, बड़ा, मोटा, पतला, चतुर, सुंदर आदि शब्द मूल रूप से ही विशेषण होते हैं।
विशेषण किसे कहते हैं
उत्तर- वे शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के कितने भेद होते हैं
उत्तर- परिमाणवाचक विशेषण जो विशेषण शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की परिमाण संबंधी विशेषता का बोष कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते हैं -
- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण - पाँच मीटर कपड़ा, पाँच किलो दूध आदि।
- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण - थोड़ा आचार, कई किलो चावल आदि।
विशेषण के कितने भेद हैं
उत्तर- जैसा की हमने पिछले पोस्ट में पढ़ा था विशेषण केचार भेद होते हैं -
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण में क्या अंतर है
उत्तर- संख्यावाचक विशेषण - जो विशेषण शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की संख्या विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें संख्या वाचक विशेषण कहते हैं। जैसे -मेरे पास दो गुलाब के फूल हैं।
परिणामवाचक विशेषण - जो विशेषण किसी संज्ञाअथवा सर्वनाम की परिमाण संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे - जब आप बाजार से आओ तो पाँच किलो गुलाब जामुन लेते आना।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण से क्या तात्पर्य है
उत्तर- निश्चित संख्यावाचक विशेषण से तात्पर्य संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चत संख्या का बोध कराने वाले शब्दों से है।
इस प्रकार इसे छः भागों में बांटा जा सकता है जो की इस प्रकार है -
क्रमबोधक - पहला, दूसरा, छठा, पच्चीसवाँ, सौवाँ आदि।
गणबोधक - दो, चार, आधा, सवा तीन, चौथाई आदि।
आवृत्तिबोधक - दुगुना, तिगुना, चौगुना, दसगुना आदि।
प्रत्येकबोधक - प्रतिदिन, प्रतिमाह, एक-एक, चार-चार आदि।
समुदायवाचक - आर्मी, झुंड, भीड़, कक्षा, टोली आदि।
समुच्चयबोधक - दर्जन, जोड़ा, शतक आदि।
बॉक्स में दिए गए स्थानों से रिक्त स्थानों को भरिये
निश्चित संख्यावाचक विशेषण, सार्वनामिक विशेषण, गुणवाचक विशेषण, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण |
(क) वे शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम से गुण-दोष, रंग, आकार आदि के विषय में बताएँ, उन्हें गुणवाचक विशेषणकहते हैं।
(ख) जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम के परिमाण या माप तोल के बारे में बताएँ, उन्हें निश्चित परिमाणवाचक विशेषणकहते हैं।
(ग) जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बताएँ, उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
(घ) वे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा से पहले आकर उसकी विशेषता बताएँ, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
निम्नलिखित विशेषण और विशेष्यों के बीच सही मिलान कीजिए -
विशेषण | विशेष्य |
---|---|
जापानी | कमरा |
वीर | छात्र |
चौकोर | महाराणा प्रताप |
होनहार | आम |
मीठा | किसान |
परिश्रमी | गुड़िया |
सहीं मिलान कुछ इस प्रकार होगा -
विशेषण | विशेष्य |
---|---|
जापानी | गुड़िया |
वीर | महाराणा प्रताप |
चौकोर | कमरा |
होनहार | छात्र |
मीठा | आम |
परिश्रमी | किसान |
4. निम्नलिखित संज्ञा शब्दों से विशेषण बनाइये
संज्ञा शब्द | विशेषण |
---|---|
आदर | आदरणीय |
स्वदेश | स्वदेशी |
दिन | दैनिक |
बंगाल | बंगाली |
राजस्थान | राजस्थानी |
धर्म | धार्मिक |
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