आज हम बात करने वाले हैं हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषय क्रिया के बारे में इससे पहले हमने जाना था विशेषण के बारे में यदि आपने वह पोस्ट नही पढ़ा है तो पढ़ लें क्योकि वहां पर मैंने आपको प्रश्न और उत्तर भी उसी से संबंधित बताये हैं।
15. क्रिया: Verb
क्रिया किसे कहते हैं
सबसे पहले आइये जानते हैं किया की परिभाषा क्रिया को किस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है -
परिभाषा - वे शब्द जो किसी कार्य के करने, घटित होने या किसी स्थिति का बोध कराते हैं, उन्हें क्रिया कहते हैं।
आइये कुछ वाक्यों को पढ़ें जिसमें क्रिया का उपयोग किया गया है और उसे समझने की कोशिश करें।
- मैं बाजार जा रहा हूँ।
- नालियों में पानी बह रहा है।
- श्री मान राजू रस्तोगी समाचार पत्र पढ़ रहे हैं।
इन तीनों उदाहरणों में हमें एक चीज कॉमन लग रही है या कहें समानता दिख रही है। जैसे की तीनों वाक्यों में कार्य हो रहें हैं जैसे की बाजार जा रहा है, पानी बह रहा है और पढ़ रहे हैं। इन वाक्यों को ध्यान से पढ़ने पर हमे इसकी परिभाषा स्पष्ट रूप से समझ में आ जाती है, कि जो शब्द स्थिति का बोध कराते हैं, उन्हें क्रिया कहते हैं।
इसके बाद हमारे मन में यह सवाल आना चाहिए की क्रिया किससे बना है और इसका मूल रूप क्या है? तो मैं आपको बता दूँ क्रिया जिस शब्द से बना है उस शब्द को ही उसका मूल कहते हैं और क्रिया के मूल रूप को ही धातु के नाम से जाना जाता है। - क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है।
आइये अब जानते हैं इसके प्रकार या भेद के बारे में - धातु के मुख्यतः चार प्रकार होते हैं -
- सामान्य धातु
- व्युत्पन्न धातु
- नामधातु
- मिश्रधातु
1. सामान्य धातु - मूल रूप में 'ना' प्रत्यय जोड़कर जो रूप बनाता है, उसे सामान्य धातु कहा जाता है; जैसे -
मूल धातु | ('ना' प्रत्यय) सामान्य धातु |
---|---|
रो | रोना |
लिख | लिखना |
जा | जाना |
पढ़ | पढ़ना |
देख | देखना |
काट | काटना |
दे | देना |
सो | सोना |
चल | चलना |
घूम | घूमना |
2. व्युत्पन्न धातु - सामान्य धातु में प्रत्यय लगाकर बनाई गई धातु को व्युत्पन्न धातु कहते हैं; जैसे -
सामान्य धातु | व्युत्पन्न धातु | सामान्य धातु | व्युत्पन्न धातु |
---|---|---|---|
कटना | काटना, कटाना | चलना | चलाना, चलवाना |
रोना | रुलाना, रुलवाना | देना | दिलाना, दिलवाना |
सोना | सुलाना, सुलवाना | लिख | लिखाना, लिखवाना |
सीख | सिखाना, सिखवाना |
3. नामधातु - संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों में प्रत्यय लगाकर जो धातु रूप बनाए जाते हैं, उन्हें नामधातु कहते हैं; जैसे -
4. मिश्रधातु - संज्ञा, विशेषण तथा क्रियाविशेषण शब्दों के बाद लगना, लेना, करना, होना, आना आदि लगाकर जो धातु बनाई जाती है, उसे मिश्रधातु कहते हैं ; जैसे -
संज्ञा से - लज्जा+आना = लजाना।
विशेषण से - अच्छा+होना = अच्छा होना।
क्रियाविशेषण से - नीचे+जाना = नीचे जाना।
क्रिया के भेद
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं -
- अकर्मक क्रिया
- सकर्मक क्रिया
1. अकर्मक क्रिया - 'अकर्मक' का अर्थ है- कर्म रहित। अर्थात जिन क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता ही नहीं होती, वे अकर्मक क्रियाएं कहलाती हैं; जैसे -
2. सकर्मक क्रिया - 'सकर्मक' का अर्थ है- कर्म के साथ। अर्थात जिस क्रिया व्यापार में कर्म की आवश्यकता होती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-
- विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं।
- स्नेहा विद्यालय गई है।
- एक कर्मक क्रिया
- द्विकर्मक क्रिया
- खिलावन पुस्तक पढ़ रहा है।
- धोबी कपड़े धोता है।
- सामान्य क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- संयुक्त क्रिया
- नामधातु क्रिया
- पूर्वकालिक क्रिया
- कृदंत क्रिया
2. प्रेरणार्थक क्रिया - जिस क्रिया यह बोध होता है कि कर्ता ,स्वयं कार्य न करके किसी अन्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं; जैसे -
1. पिताजी ने सविता को मिठाई दिलवाई। 2. हमारे सेठ जी ने मजदूरों से बोरियाँ उठवाई।
प्रेरणार्थक क्रिया के दो भेद होते हैं
1. प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया - जिन क्रियाओं में कर्ता स्वयं शामिल होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है उन्हें प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं ; जैसे -
1. दादी जी मोना को पढ़ाती हैं। 2. जोकर दर्शक को हँसता है।
2. द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया - जिन क्रियाओं में कर्ता स्वयं सम्मिलित न होकर दूसरों को कार्य करने की प्रेरणा देता है, उन्हें द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं ; जैसे -
1. अध्यापक बच्चे से कहानी सुनवाते हैं। 2. दुकानदार नौकर से झाड़ू लगवाता है।
3. संयुक्त क्रिया - जो क्रिया दो या दो से अधिक धातुओं के मेल से बनती है, उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं ; जैसे -
1. कल अतिथि चले जाएँगे। 2. कृपया मेरा काम जल्दी कर दें।
4. नामधातु क्रिया - संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनने वाली धातुओं को नामधातु कहते हैं ; जैसे -
संज्ञा से - शर्म-शर्माना, रंग-रंगना
सर्वनाम से - अपना-अपनाना
विशेषण से - लँगड़ा-लँगड़ाना, गरम-गरमाना
5. पूर्वकालिक क्रिया - मूल क्रिया से पूर्व होने वाली क्रिया को 'पूर्वकालिक क्रिया' कहते हैं; जैसे -
1. वह खाना खाकर सो गया।
मूल क्रिया-सो गया।
मूल क्रिया से पहले वाली क्रिया-खाना खाना।
6. कृदंत क्रिया - वह क्रियाएँ जो क्रिया शब्दों के अंत में प्रत्यय लगाकर बनाई जाती हैं, उन्हें कृदंत क्रिया कहते हैं।
कृदंत क्रिया तीन प्रकार की होती हैं -
वर्तमानकालिक कृदंत क्रिया - चल+ता = चलता।
भूतकालिक कृदंत क्रिया - दौड़+आ = दौड़ा।
पूर्वकालिक कृदंत क्रिया - पढ़+कर = पढ़कर आदि।
महत्वपूर्ण बिंदु
- क्रिया काम के होने व् करने को कहते हैं।
- धातु क्रिया का मूल रूप है।
- कर्ता के लिंग, वचन और काल के अनुसार क्रिया का रूप बदलता है।
क्रिया से संबंधित प्रश्न उत्तर
(क) क्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर - किसी कार्य का होना ही क्रिया कहलाता हैं।
(ख) क्रिया के रूप में परिवर्तन कैसे किया जाता है?
उत्तर - कर्ता के लिंग, वचन और काल के अनुसार क्रिया का रूप परिवर्तन किया जाता है।
(ग) अकर्मक क्रिया और सकर्मक क्रिया में अंतर् बताओ।
उत्तर - अकर्मक क्रिया का अर्थ है अर्थ रहित तथा इसी प्रकार सकर्मक क्रिया का अर्थ है - कर्म के साथ।
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) क्रिया किसे कहते हैं? कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद होते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर - वे शब्द जो किसी कार्य के करने, घटित होने या किसी स्थिति का बोध कराते हैं, उन्हें क्रिया कहते हैं।
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं जो की इस प्रकार हैं -
- अकर्मक क्रिया
- सकर्मक क्रिया
(ख) रचना के आधार पर क्रिया के भेद लिखो।
उत्तर - रचना के आधार पर क्रिया के निम्न भेद होते हैं -
- सामान्य क्रिया
- प्रेर्फणार्थक क्रिया
- संयुक्त क्रिया
- नामधातु क्रिया
- पूर्वकालिक क्रिया
- कृदंत क्रिया
(ग) धातु के भेद लिखो।
उत्तर - धातु के निम्न चार भेद होते हैं -
- सामान्य धातु
- व्युत्पन्न धातु
- नामधातु
- मिश्रधातु
एककर्मक क्रिया धातु द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया क्रिया |
(क) जिस शब्द से किसी कार्य के होने, करने या स्थिति का बोध हो, उसे -- क्रिया -- कहते हैं।
(ख) क्रिया का मूल रूप -- धातु -- कहलाता है।
(ग) जिन क्रिया शब्दों का एककर्म होता है, उसे -- एककर्मक क्रिया -- कहते हैं।
(घ) जिस वाक्य में कर्ता स्वयं कार्य न करके दूसरों से काम करवाता है या उन्हें कार्य करने को प्रेरित करता है उसे द्वितीय -- प्रेरणार्थक -- क्रिया कहते हैं।
3. निम्नलिखित शब्दों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद लिखिए -
शब्द | क्रिया-भेद | शब्द | क्रिया-भेद |
---|---|---|---|
गिरना | गिराना | लिखना | लिखवाना |
चलना | चल | टूटना | टूट |
तोड़ना | तोड़वाना | हँसना | हंसाना |
4. निम्नलिखित शब्दों से नामधातु क्रियाएं बनाइए -
शब्द | नामधातु | शब्द | नामधातु |
---|---|---|---|
चिकना | चिकनाना | आप | बीती |
फिल्म | फिल्माना | मोटा | मोटाना |
हाथ | हथियाना | लालच | ललचाना |
साठ | साठवां | झूठ | झूठा |
गरम | गरमाना | रंग | रंगाना |
5. सही विकल्प वाले प्रश्न
(क) जो शब्द किसी के करने, घटित होने या किसी स्थिति का बोध कराते हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
- संज्ञा
- क्रिया
- सर्वनाम
उत्तर - 2. क्रिया।
(ख) धातु के कितने भेद होते हैं?
1. दो 2. चार 3. तीन।
उत्तर - 2. चार।
(ग) मूल रूप में 'ना' प्रत्यय जोड़कर जो रूप बनता है, उसे क्या कहा जाता है?
1. व्युत्पन्न धातु 2. सामान्य धातु 3. मिश्र धातु
उत्तर - 2. सामान्य धातु।
(घ) कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद होते हैं?
1. तीन 2. दो 3. चार।
उत्तर - 2. दो।
6. निम्नलिखित क्रिया शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए -
मुस्काना -
वाक्य में प्रयोग - मुझे तुम्हारा मुस्काना अच्छा लगता है।
ललचाना -
वाक्य में प्रयोग - किसी की बातों में आकर मन का यूं ललचाना अच्छा नही होता है।
पढ़ना -
वाक्य में प्रयोग - किसी से पढ़ना और खुद पढ़ना बड़ा फर्क है।
पहचानना -
वाक्य में प्रयोग - जब हम बहुत दिनों बाद मिलते हैं तो किसी को पहचानना मुश्किल हो जाता है।
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11. वचन : Number
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16. काल : Tense
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19. विराम-चिन्ह : Punctuation Marks
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