भरत मुनि ने रस के कितने अंग माने हैं?

1. भरत मुनि ने रस के कितने अंग माने हैं?

उत्तर - भरत मुनि ने रास के चार अंग माने हैं - स्थाई भाव, विभाव, अनुभाव और व्यभीचारी भाव। 

 Bharat muni ne ras ke kitne ang mane hai?

Char ang sthaai bhaav, vibhaav, anubhaav aur Vyabhichaari bhaav.

Related Posts

Post a Comment