'काव्य शोभा करान धर्मान अलंकरान प्रचक्षते' किस आचार्य की उक्ति है?

1. 'काव्य शोभा करान धर्मान अलंकरान प्रचक्षते' किस आचार्य की उक्ति है?

उत्तर - उक्त उक्ति आचार्य दण्डी की है। 

यह प्रश्न इस प्रकार भी पूछे जा सकते हैं!

2. 'काव्य शोभाकरान धर्मान अलंकरान प्रचक्षते' किसने कहा है?

(अ) भामह (ब) दण्डी (स) रुद्रट (द) जयदेव। 

उत्तर - (ब) दण्डी। 

3. 'काव्य शोभाकरान धर्मान अलंकरान प्रचक्षते। ' काव्य लक्षण के आचार्य का नाम बताइये। 

उत्तर - उक्त काव्य लक्षण आचार्य दण्डी का है। 

'काव्य शोभाकरान धर्मान अलंकरान प्रचक्षते' किस आचार्य की उक्ति है?
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Kavya shobha karan dharman alankran prchkshte kis acharya ki ukti hai? 

Acharya Dandi ki.

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