"निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नती को मूल" कथन किस कवि का है?

1. "निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नती को मूल" कथन किस कवि का है?

उत्तर - "निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नती को मूल" कथन भारतेन्दु हरिश्चंद्र कवि का है। 

 "Nij bhasha unnati ahai sab unnati ko mool" kathan kis kavi ka hai?

Bhartendu harishchandra.

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