प्रश्न 6. रीति सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाओं पर प्रकाश डालिए।
रीति सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाएँ
उत्तर - रीति सिद्धांत की अनेक आचार्यों ने अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार भिन्न-भिन्न स्थापनाएँ की हैं -
- रीति सिद्धांत की पहली स्थापना काव्य की आत्मा के रूप में आचार्य वामन ने करते हुए लिखा है - रीतिरात्मा काव्यस्य।
- रीति संबंधी दूसरी स्थापना आचार्य वामन ने की है। इन्होने रीति का गुणों के साथ संबंध स्वीकार किया है।
- आचार्य वामन ने रीति के तीन भेद - वैदर्भी, गौड़ी और पांचाली करके तीसरी स्थापना की है।
- रीति सिद्धांत की चौथी स्थापना रीति सिद्धांत का नाम गुण सिद्धांत करना है। ये स्थापना भी आचार्य वामन ने की है।
- रीति-सम्बन्धी पांचवी स्थापना रीतियों में गुणों की है। भरतमुनि ने शब्द के जो देश गुण बताए हैं, उनका समावेश आचार्य दंडी ने शब्द के तीन गुणों में किया है। आचार्य वामन ने 'समग्रगुणोपेता वैदर्भी' लिखकर रीति सिद्धांत में पांचवी स्थापना की है। आचार्य वामन ने पांचाली रीति को माधुर्य और सुकुमारता दो गुणों वाली बताया है।
- आचार्य वामन से पहले वैदर्भी और गौड़ी दो रीतियाँ मानी जाती हैं। आचार्य वामन ने तीसरी रीति पांचाली की स्थापना की।
Reeti siddhant ki pramukh sthapnao par prakash daliye?
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