1. "यदि प्रेस घटनाओं को, जिस रूप में घटित होती हैं, उसी रूप में उन्हें प्रतिबिम्बित नहीं करें तो उसका होना कोई अर्थ नहीं रखता।" यह कथन किसका है?
उत्तर - उपर्युक्त कथन अखिल भारतीय समाचार-पत्र सम्पादक सम्मेलन राष्ट्रीय पत्रकार संगठन का प्रतिवेदन-1985 का है।
"Yadi press ghatnao ko, jis roop me ghatit hoti hain, usi roop me unhen pratibimbit nahi kare to uska hona koi arth nahi rakhta." yah kathan kiska hai?
Akhil bhartiya samachar-ptra sampadak sammelan rastriya ptrakar sangathan ka prativedan 1985
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