पल्ल्वन किसे कहते हैं? पल्ल्वन का क्या उद्देश्य होता है?

1. पल्ल्वन किसे कहते हैं? पल्ल्वन का क्या उद्देश्य होता है?

उत्तर - पल्ल्वन से अभिप्राय किसी सुगठित तथा सुगुम्फित विचार अथवा भाव को विस्तार से प्रस्तुत करना है। कम से कम शब्दों में अथवा एक वाक्य में कहे या लिखे गए भावों विचारों में इतनी स्पष्टता नहीं रहती की लोग उन्हें आसानी से समझ सकें। ऐसी स्थिति में स्पष्टता लाने के लिए विचार या भाव के तार-तार को अलग कर तारतम्य के साथ व्याख्या करने की आवश्यकता पड़ती है। 

यह एक प्रकार का लघु निबंध है जिसमें यह देखा जाता है की व्याख्या करने वाले व्यक्ति ने किसी गंभीर उक्ति या वाक्य को कितनी सूक्ष्मता और गहराई से समझा है और वह अपनी भाषा में उसे कितनी स्पष्ट कर पाया है। 

पल्लवन बीज से वृक्ष और बिंदु से वृत्त बना देने की सहज प्रक्रिया है। बिलकुल छोटे से वाक्य में निहित विचारों को परत दर परत खोलते जाना फैला देना ही पल्ल्वन है। इसे विस्तारण या वृद्धिकरण भी कहा जा सकता है। यह बात स्मरण रखनी चाहिए कि पल्ल्वन जब भी किया जाएगा उसकी शैली समाज शैली होगी न की व्यास शैली। सघनता से विरलता की सी स्थिति होनी चाहिए। पल्ल्वन में इसका अर्थ यह नहीं की विस्तारण होने से विचारों की धार भी पतली होती जाएगी। 

पल्ल्वन के उद्देश्य - 

  1. मूल भाव को स्पष्ट करना सहयोगी विचारों एवं भावों के माध्यम से। 
  2. भाव और भाषा की अभिव्यक्ति में पूरी स्पष्टता, मौलिकता और सरलता लाना। 
  3. पल्ल्वन का मुख्य उद्देश्य केवल विस्तार या विश्लेषण होता है। 
  4. मूल भाव की पुष्टि करना उदाहरण या तथ्य जोड़ कर। 
  5. पल्ल्वन का उद्देश्य मूल और गौण विचारों को समझ लेने के बाद एक-एक कर सभी विचारों को एक-एक अनुच्छेद में लिखना है ताकि कोई भी भाव या विचार छूटने न पाए। 
Pallavan kise kahte hai? pallavan ka kya uddeshya hota hai?

Related Posts

Post a Comment