बिहारी और राजस्थानी को हिंदी के अंतर्गत रखने के लिए किनके मत तर्क की अपेक्षा भावना और तथ्यों पर आश्रित है?

1. बिहारी और राजस्थानी को हिंदी के अंतर्गत रखने के लिए किनके मत तर्क की अपेक्षा भावना और तथ्यों पर आश्रित है?

उत्तर - बिहारी और राजस्थानी को हिंदी के अंतर्गत रखने के लिएनिम्न लोगों के मत तर्क की अपेक्षा भावना और तथ्यों पर? आश्रित है -

  1. डॉ. हरदेव बाहरी 
  2. डॉ. सरयू प्रसाद अग्रवाल 
  3. डॉ. भोलानाथ तिवारी। 

Bihari aur rajasthani ko hindi ke antargat rakhne ke liye kinke mat tark ki apeksha bhavna aur tathyon par aashrit hai?

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