1. रासो काव्य की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर -
रासों काव्य की प्रमुख विशेषताएँ
- इनमें अपभ्रंश के चरित्र काव्य की कथानक रूढ़ियाँ एवं काव्य रूढ़ियाँ प्रयुक्त हुई हैं। यथा-संवाद तत्व, शुक-सुरी संवाद आदि।
- दो रचनाएँ अधिकतर बड़ीं हैं और उनमें प्रायः छंद-वैविध्य भी अधिक है। पृथ्वीराज रासो में लगभग बहत्तर प्रकाश के मात्रिक वार्णिक, संयुक्त तथा फुटकर छंदों का प्रयोग हुआ है।
- इन काव्यों में युद्धों का प्रसंग अधिक मिलता है।
- ये काव्य वीर रस प्रधान हैं, श्रृंगार की भी छटा निराली है।
- गेयता आदि लोक तत्व विद्यमान है।
- इनमें आश्रयदाता राजाओं की वीरता का अतिश्योक्तिपूर्ण वर्णन मिलता है।
- इनमें इतिहास और कल्पना का समन्वय है।
- ये प्रबन्ध रचनाएँ हैं।
- इनमें काव्य सौंदर्य भी उत्कृष्ट है। अनुरति और अभिव्यक्ति का सुंदर समन्वय है।
- इनकी भाषा प्रायः मिश्रित है।
Raso kavyon ki pramukh visheshtaayen btaiye?
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