'सूफी' शब्द की व्युत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।

प्रश्न 1. 'सूफी' शब्द की व्युत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- विद्वानों में 'सूफी' शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में बहुत अधिक मतभेद हैं। कुछ विद्वानों का मत है कि मदीना में मस्जिद के सामने एक सुफ्फा (चबूतरा) पर बैठने वाले 'फकीर' सूफी कहलाये। 

कुछ अन्य विद्वानों के अनुसार अपने सदाचार और पवित्रता के कारण कयामत के दिन 'सफ' (अग्रित पंक्ति) में खड़े होने के सम्मान को पाने के योग्य साधक सूफी नाम से अभिहित किये गये तीसरे प्रकार के विद्वानों के अनुसार सफा अर्थात् पवित्र जीवन व्यतीत करने वाले साधु 'सूफी' नाम से प्रसिद्ध हुए। 

विद्वानों का एक वर्ग सूफी शब्द को सोफिस्त (ज्ञानी) का विकृत रूप मानता है। कुछ विद्वान् इसे सूफा (अरब की एक जाति विशेष) अथवा सुफ्फाह (भक्ति विशेष) का रूपान्तर मानते हैं। 

किन्तु आज के अधिकांश विद्वानों के मतानुसार 'सूफी' साधनपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले अरब तथा ईराक में निवास करने वाले सूफ (सादा ऊन) के कपड़े धारण करने वाले फकीरों का सूचक है। 

पं. परशुराम चतुर्वेदी के शब्दों में-"सूफी शब्द मूलतः उन अरब एवं ईराक देश के कतिपय व्यक्तियों को सूचित करता ही जान पड़ता है, जो मोटी ऊन का चोगा पहना करते थे, विरक्तों व संन्यासियों का-सा पवित्र जीवन यापन करते थे तथा जो अपनी महत्वपूर्ण साधनाओं के कारण मुस्लिमों की अगली पंक्ति में खड़े होने के अधिकारी थे।”

Sufi shabda ki vyutpatti par prakash daliye.

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