सूफी मत के भारत में प्रचार-प्रसार पर टिप्पणी लिखें।

1. सूफी मत के भारत में प्रचार-प्रसार पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर - सूफी धर्म का भारत में प्रचार-प्रसार-भारत में सूफी मत का आगमन 9वीं 10वीं शताब्दी में ही हो गया था, किन्तु इसके प्रचार-प्रसार का श्रेय ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती को है, जिन्होंने इसे लोकप्रिय बनाया। आइने अकबरी में सूफियों के 14 सम्प्रदायों का उल्लेख है, जिनमें से पांच सम्प्रदाय प्रसिद्ध हैं -

  1. कादरी सम्प्रदाय
  2. चिश्ती सम्प्रदाय
  3. सुहरावर्दी सम्प्रदाय
  4. नक्शबन्दी सम्प्रदाय
  5. शत्तारी सम्प्रदाय

इनमें से चिश्तिया (चिश्ती) सम्प्रदाय सर्वाधिक प्रसिद्ध हुआ। इसकी सातवी पीढ़ी में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती हुए, जिन्होंने भारत में सूफी मत का प्रचार-प्रसार किया सुहरावर्दी सम्प्रदाय का भारत में प्रचार बहाउद्दीन जकारिया ने किया। 

कादरी सम्प्रदाय का प्रवर्तन भारत में अब्दुल कादिर ने किया। इस सम्प्रदाय के सैयद मोहम्मद गौस इतने ख्याति प्राप्त हुए कि सिकन्दर लोदी ने अपनी पुत्री का विवाह उनके साथ करा दिया। नक्शबन्दी सम्प्रदाय का प्रचार भारत में 17वीं शती में अहमद फारुखी ने किया।

Sufi mat ke bharat me prchar prasar par tippani likhiye.

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