'सूफी' शब्द की व्युत्पत्ति तथा स्रोत स्पष्ट करें।

1. 'सूफी' शब्द की व्युत्पत्ति तथा स्रोत स्पष्ट करें।

उत्तर - सूफी शब्द की व्युत्पत्ति 

  1. मुसलमानों के पवित्र तीर्थ मदीना की मस्जिद के सामने वाले चबूतरे का नाम सुफ्फा चबूतरा है। इस पर बैठने वाले फकीरों को सूफी कहा जाता है। 
  2.  कुछ विद्वान इसका सम्बन्ध सोफिया शब्द से जोड़ते हैं जिसका अर्थ है - ज्ञान।
  3. एक अन्य मत से यह शब्द सफ़ा से विकसित है जिसका अर्थ है-शुद्ध एवं पवित्र 
  4. सर्वाधिक मान्य मत यह है कि सूफी शब्द का सम्बन्ध 'सूफ' से है जिनका अर्थ है-ऊन सूफी लोग साहेद ऊन से बने हुए चोगे पहनते थे और उनका आचरण पवित्र एवं शुद्ध होता था। 
सूफी मत का स्रोत-
  1. सूफी मत इस्लाम धर्म का एक अंग है। इस्लाम धर्म में शरीयत (कर्मकाण्ड) वैसा ही परिणाम सूफी मत है जैसे हिन्दू धर्म में वैदिक कर्मकाण्ड की प्रतिक्रिया का परिणाम वैष्णव मत की प्रतिक्रिया का है।
  2. सूफी धर्म में इस्लाम की कट्टरता का अभाव है। इनमें उदारता एवं कोमलता विद्यमान है। 
  3. सूफीमत के मूल में प्रेम तत्व है। उसमें इश्क हकीकी एवं इश्क मजाजी की भावना निहित है।
  4. सूफियों ने लौकिक प्रेम के माध्यम से अलौकिक प्रेम को प्राप्त करने पर बल दिया।
  5. सूफी मत का आदिस्रोत हमें शामी जातियों की आदिम प्रवृति में मिलता है। शामियों से मूर्ति चुम्बन की परिपाटी सूफियों में 'बोस' एवं 'बस्ल' के रूप में प्रचलित हुई। 
  6. सूफियों का 'इल्हाम', 'हाल' की दशा का मूल स्रोत भी शामी ही है। कभी-कभी वे देवता के वश में होकर जो कुछ बोलते थे उसे 'इल्हाम' कहा गया और इनकी इस दशा को हाल' कहा गया है। 
  7. सूफियों का प्रमुख तत्व प्रेम का मूल स्रोत भी शामियों की गुहा मण्डली थी। पीरपरस्ती एवं समाधि पूजा का भाव भी सूफियों ने 'शामी' से लिया।

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