छायावाद की परिभाषा
क्या आपका प्रश्न है
1. छायावाद की परिभाषा क्या है?
उत्तर - छायावाद की परिभाषा को विभिन्न विद्वानों ने अपने अपने मत के अनुसार निम्न प्रकार से दिया है -
डॉ. नगेन्द्र के अनुसार "स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोह ही छायावाद है।"
नन्द दुलारे वाजपेयी के अनुसार "छायावाद सांसारिक वस्तुओं में दिव्य सौंदर्य का प्रत्यय है।"
डॉ. रामकुमार वर्मा के अनुसार छायावाद की परिभाषा "जब परमात्मा की छाया आत्मा में पड़ने लगती है और आत्मा की छाया परमात्मा में तो यही छायावाद है।"
अनेक प्रकार के मतों को सुनकर आचार्य महावीर प्रसाद द्वेदी ने अपने लेख में कहा था "छायावाद से लोगों का क्या मतलब है कुछ समझ में नहीं आता | शायद उनका मतलब है कि किसी कविता के भावों की छाया यदि कहीं अन्यत्र जाकर पड़े तो उसे छायावादी कविता कहना चाहिए।"
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