Hello and Welcome my dear reader आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर पिछले पोस्ट में हमने जाना था विद्यार्थी जीवन और अनुशासन निबंध के बारे में आज हम अपने निबंध लेखन class 12 की सीरीज में दूसरे चेप्टर में हैं। जिसमें हम आपके साथ चर्चा करने वाले हैं विज्ञान के बढ़ते चरण अथवा विज्ञान के चमत्कार निबंध के बारे में सबसे पहले इसे लिखते हैं उसके बाद इसमें और क्या क्या एड किया जा सकता है तथा किस प्रकार अच्छे से लिखा जा सकता है और अच्छे नंबर हमें मिल सकते हैं उस पर बात करेंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं-
2. विज्ञान के चमत्कार निबंध
पता नहीं यह निबंध आपके लिए कितना उपयोगी साबित होगा लेकिन कोशिश यही रहेगी की यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा useful हो, तो सबसे पहले किसी भी काम को अच्छे से करने के लिए हमें प्लान की जरूरत होती है। उसी प्रकार किसी निबंध को लिखने के लिए हमें रूपरेखा की जरूरत पड़ती है। तो शुरुआत करते हैं रूपरेखा से -
रूपरेखा -
- प्रस्तावना
- विज्ञान का अर्थ और अभिप्राय
- विज्ञान के क्षेत्र
- यातायात के क्षेत्र में
- चिकित्सा के क्षेत्र में
- संचार के क्षेत्र में
- कृषि के क्षेत्र में
- शक्ति के साधनों का विकास
- मनोरंजन के साधन
- अंतरिक्ष में विज्ञान
- अन्य क्षेत्रों में
- विज्ञान एक अभिशाप
- उपसंहार
1. प्रस्तावना - यह हम सबको पता है कि वर्तमान युग विज्ञान का युग है। यह आपने बहुत बार सूना होगा की आवश्यकता आविष्कार की जननी है। आदिकाल से ही मानव अविष्कारक रहा है जब जब उसे जिन-जिन चीजों की आवश्यकता होती गयी उसने उसका आविष्कार किया और करता जा रहा है। इन्हीं अविष्कारों के द्वारा वर्तमान युग के विज्ञान का जन्म हुआ। वर्तमान समय में विज्ञान ने इतनी प्रगति की है कि इसे चमत्कार कहना भी एक अति संयुक्त पूर्ण वाक्य नहीं होगा, विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में आश्चर्यजनक अविष्कार करके चमत्कार किया है। नित्य प्रति होने वाले वैज्ञानिक आविष्कार नूतन क्रांति कर रहे हैं। और इस प्रकार विज्ञान को एक चमत्कार कहना कोई अतिशयोक्ति की बात नहीं है।
2. विज्ञान का अर्थ और अभिप्राय - वैसे तो विज्ञान शब्द दो शब्दों के मेल से बना है पहला वि और दूसरा ज्ञान जिसका अर्थ होता है विशेष ज्ञान। वर्तमान जीवन को यदि हम देखें तो यह प्रत्येक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और हर क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। विज्ञान ने प्रकृति पर अधिकार जमाना, अधिकार करना चालू कर दिया है। विज्ञान के कारण मानव की अपरिमित और अदम्य शक्ति का विकास हुआ है। महा कवि दिनकर ने कुछ यूं कहा है -
3. विज्ञान के क्षेत्र - इस शताब्दी में विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में चमत्कार उत्पन्न किया है फ्रांस, जापान, जर्मनी, इंग्लैंड, रूस, अमेरिका आदि देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आश्चर्यजनक अविष्कार करके विज्ञान को उन्नति के चरम शिखर पर पहुंचा दिया है। वैसे तो इसके बहुत सारे क्षेत्र हैं लेकिन हमारे देश में सबसे ज्यादा देखा जाता है वह क्षेत्र अंतरिक्ष विज्ञान है जो कि सबसे ज्यादा जाना जाता है।
वर्तमान समय को देखते हुए विज्ञान का क्षेत्र सीमित नहीं रहा है और यह ऐसे क्षेत्रों में अपनी धाक जमाते जा रहा है जहां पर इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती आज मानव शरीर को विज्ञान के ही बदौलत पूरी गहराई तक जाना जा सकता है। बस एक प्राण (आत्मा) जिसे विज्ञान ने समझा नही है उसको आज डालना संभव नहीं हो पाया है अगर यह हो जाए तो उस दिन कायाकल्प हो सकता है।
4. यातायात के क्षेत्र - प्राचीन काल की शुरुआत की हम बात करें तो यहां पाषाण युग से इसका मानव सभ्यता का आरम्भ माना जाता है पुराने जमाने में पत्थर ही हमारे औजार हुआ करते थे और उसी से यातायात के लिए जो पहला गाड़ी बना था। उसके पहले पत्थर से ही बनाए गए थे प्राचीन काल में कोई भी यात्रा करने के लिए महीनों लगते थे लेकिन अब कुछ ही घंटों में यात्राएं एक देश से दूसरे देश में की जा सकती हैं। मोटर, कार, रेलगाड़ी, बस, हवाई जहाज, जहाज आवागमन के प्रमुख साधन हैं। इन साधनों ने विश्व को एक सूत्र में बांध दिया है। वसुधैव कुटुंबकम की कल्पना साकार हुई है तो सिर्फ और सिर्फ विज्ञान के कारण। यात्रा अभी के समय में सुगम, सुखद और सुरक्षित हो गई है साथ ही इसे और सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग अभी वर्तमान में किया जा रहा है।
5. चिकित्सा के क्षेत्र में - चिकित्सा हर युग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है ऐसा कहने में कोई गलत बात नहीं होगी क्योंकि मानव ऐसा बना है जिसके शरीर में रोगों की कमी नहीं है क्योंकि मानव शरीर में बहुत सारे रोग होते रहते हैं कई बार व्यक्ति रोग का शिकार ना होकर दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो ऐसे में हमें चिकित्सा की जरूरत पड़ती है अब क्षय, कैंसर, प्लेग, हैजा आदि संक्रामक रोग जो कभी अचूक हुआ करते थे वह अभी के समय में इनका इलाज संभव है कैंसर का इलाज कर पाना यह अभी के समय में पूर्ण रूप से संभव नहीं हो पाया है, लेकिन हां शुरुआती तौर पर यदि इसका पता लग जाता है तो उसका इलाज किया जा सकता है। तो ऐसे ही विज्ञान ने आज वह कर दिखाया है जिसकी कल्पना पहले कभी किसी ने नहीं की थी अब विज्ञान की मदद से परखनली शिशु का बच्चा पैदा व तैयार किया जा सकता है। पौधे पैदा किए जा सकते हैं और स्वयं ब्रह्मा जी को भी यह चकित कर रहा होगा। यह सारी चीजें जिसे हम आज विज्ञान का चमत्कार कहते हैं यह पहले भी हुआ करती थी लेकिन उस समय जो हुआ करते थे उसका लिखित प्रमाण ही है हमारे पास उसका कोई प्रायोगिक (प्रैक्टिकल) हमें देखने को नहीं मिलता है। तो आज सिर्फ पुरातत्वविद और उनके द्वारा किए गए खुदाई से जो चीजें मिलती हैं उनसे हमें इतिहास के चिकित्सा पद्धति का पता चलता है। अगर हम बात करें प्लास्टिक सर्जरी की तो, जो सबसे पहले प्लास्टिक सर्जरी का विकास हुआ था वह हमारे भारत में हुआ था बाद में इसे विदेश के लोगों के द्वारा किया गया। हमारा भारत ऐसा देश रहा है जिसने कभी भी किसी भी आविष्कार का श्रेय नहीं लिया है क्यों नहीं लिया इसका तो नहीं पता लेकिन यह हमेशा से पहले से ही होता आ रहा है।
6. संचार के क्षेत्र में - जी हां संचार एक बहुत ही अच्छा माध्यम है अपने विचारों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने के लिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए। आज विश्व के किसी भी क्षेत्र में घटित घटना को सारे विश्व एक बिजली के करंट की तरह पल में जान पाते हैं तो सिर्फ इसकी एक वजह है, संचार का माध्यम रेडियो टेलीविजन ने आज आशा के अनुरूप सफलता प्राप्त की है दूरभाष यंत्र जैसे कि मोबाइल, टेलीफोन और सबसे बड़ा माध्यम अभी के युग में वह है इंटरनेट। इंटरनेट ने आज पूरे विश्व को एक अलग ही दुनिया में लाकर खड़ा कर दिया है, इसके बिना अब लगता है जैसे यह जीवन अधूरा है। मोबाइल के आविष्कार ने विश्व को बहुत ही छोटा कर दिया है।
7. कृषि के क्षेत्र में - विज्ञान ने आज हर क्षेत्र में विकास के झंडे गाड़े हैं उसी तरह कृषि के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। नलकूप उसमें से सबसे बड़ा माध्यम मैं मानता हूं क्योंकि आज वहां भी खेती की जा रही है जहां के जमीन बंजर हुआ करते थे। यह सब कुछ संभव हो पाया है नलकूप की वजह से। पहले जमाने में ट्रैक्टर के द्वारा खेती नहीं होती थी और जानवरों से खेत की जुताई की जाती थी। जिसमें बहुत ज्यादा समय हमें खेती किसानी के लिए लगता था लेकिन आज ट्रैक्टर के अविष्कार से खेती का जो काम है वह महीनों का काम सिर्फ 1 से 2 दिनों में हो जाता है। रसायनिक खाद के आ जाने से जो पैदावार में बढ़ोतरी हुई है वह अविश्वसनीय है कई गुना की वृद्धि हमें कृषि उत्पादों में देखने को मिलती है। फसल बोने से काटने तक सब कार्य आज मशीन से संभव हो पाया है तो वह है विज्ञान के कारण।
8. शक्ति के साधनों का विकास - वर्तमान समय भाप इंजन का नहीं रहा यह जमाना खनिज तेल से निकले हुए चलने वाले इंजनों का है। खनिज संसाधन की कमी आज हमें देखने को मिल रही है तो वह इन खनिज संसाधनों से ही विज्ञान ने शक्ति के तौर पर मानव जीवन को एक नई खोज दी है। शक्ति के साधनों के विकास से अब अंधेरे में भी दिन के समान उजाले किए जा सकते हैं और एक काम जिसमें बहुत ज्यादा ताकत की जरूरत होती थी उसे आसानी से किया जा सकता है जैसे कि कोई खुदाई का काम हो, तो उसमें महीनों लगते थे पहले। लेकिन अब वह काम घंटों में हो जा रहे हैं तो यह सब संभव हो पाया है विज्ञान के द्वारा शक्ति के साधनों के विकास के कारण।
9. मनोरंजन के साधन - मनोरंजन के साधन आदिकल से ही मनुष्यों के लिए एक समय को व्यतीत करने का अच्छा तरीका रहा है। वर्तमान में चलचित्र, वीडियो और दूरदर्शन पर फिल्में मनोरंजन का साधन बनकर लोगों के सामने आया है बाल कार्यक्रम और शिक्षाप्रद कई ऐसे कार्यक्रम हैं जिनसे जीवन में हमें सिख मिलते हैं और मनोरंजन भी होता है। तो इस प्रकार विज्ञान के कारण आज मनोरंजन का साधन भी बड़ा है, आज मोबाइल से मनोरंजन शिक्षा अब आप जो कुछ भी करना चाहे वो सब संभव हो पाया है।
10. अंतरिक्ष में विज्ञान - विज्ञान के लिए अंतरिक्ष आज अछूता या छुपा नहीं रहा लेकिन अंतरिक्ष इतना बड़ा है कि उसके 1% भाग को ही आज डिस्कवर नहीं किया जा सका है लेकिन हां अंतरिक्ष में विज्ञान ने बहुत सारे ग्रहों की खोज और एक ग्रह से दूसरे ग्रह में जाने के रास्ते को सुगम बनाया है आज एक ग्रह से दूसरे ग्रह में जाना और जाकर वापस आना यह सब संभव हो पाया है अंतरिक्ष विज्ञान के बढ़ते कदमों से।
11. अन्य क्षेत्रों में - विज्ञान ने मानव जीवन को हर क्षेत्र से प्रभावित किया है गैस का चूल्हा, विद्युत चूल्हा से शीतलक (फ्रिज) तक, पंखा कूलर एसी आदि वस्तुएं हमारे दैनिक जीवन हेतु हैं जिनके बिना जीवन सम्भव नहीं हो पाता अभी के समय में।
12. विज्ञान एक अभिशाप - कुछ बुद्धिजीवी विज्ञान को वरदान मानते हैं तो कुछ अभिशाप ऐसा क्यों? इसका जवाब तो मेरे पास भी नहीं है। अंग्रेजी में कहावत है "Science is a good servant but a bad Master."
अर्थात "विज्ञान अच्छा दास है किंतु बुरा स्वामी भी है। विज्ञान के अभिशाप और वरदान के विषय में कहा जा सकता है।"
विज्ञान ने पृथ्वी लोक को दूसरा स्वर्ग बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, फिर भी यह सत्य है कि इसी विज्ञान ने नर्क के द्वार भी खोल दिए हैं। मानव ने इतने शक्तिशाली अणु बम, परमाणु बम, मिसाइलें आदि बनाई हैं जिनका यदि उपयोग किया गया तो विनाश निश्चित है।
जो कि पल में है पूरी पृथ्वी को मानव हिन कर सकती है आज भी विज्ञान के अभिशाप के रूप में परमाणु बम के द्वारा विनासित हिरोशिमा और नागासाकी के विनाश को देखा जाता है। खाड़ी के युद्ध के दौरान प्रतिदिन जितनी विनाश लीला देखने को मिली उतनी तो महाभारत युद्ध के दौरान नहीं हुई होगी। जिस विज्ञान का शैशवकाल मानव की समृद्धि के लिए था उसी का प्रौढ़ावस्था आज मानव संस्कृति को भस्म करने पर उतारू है।
विज्ञान ने बड़ी-बड़ी मशीनों और कारखानों के द्वारा उत्पादन तो बढ़ाया है, किंतु यह बेरोजगारी, स्पर्धा, अस्वास्थ्य आदि समस्याएं भी उत्पन्न करती हैं। उद्योगों के केंद्रीकरण के कारण समाज पूंजीपति और श्रमिक वर्ग में बट गये है। इन सबके लिए विज्ञान नहीं मानव ही दोषी है। मानव की स्वार्थवादी और कलुषित विचारधारा ही विज्ञान को वरदान की अपेक्षा अभिशाप करने को विवश करती है। वैज्ञानिक प्रगति का सबसे बड़ा अभिशाप अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों का अविष्कार है। पहले युद्ध में केवल सेना को हानि पहुंचाई जाती थी, किंतु अब ऐसे शस्त्रों के निर्माण हो गए हैं, जिनसे अब जनता पशु पक्षी प्राणी जगत मृत्यु के मुंह में पहुंच गया है।
13. उपसंहार - विज्ञान को यदी इस पृथ्वी पर कल्पवृक्ष की भाँती अवतरित हुआ है यदि ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, जिससे कुछ भी अछूता नहीं रहा मानव जीवन की सभी इच्छाओं की पूर्ति आज विज्ञान से सम्भव हो पा रही हैं। विज्ञान की मदद से आज इंसान ने चंद्रमा के मस्तक को चुमने में सफलता प्राप्त कर ली है पृथ्वी की परिक्रमा करके विभिन्न ग्रहों की जानकारी प्राप्त कर ली है।
निष्कर्ष - निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि विज्ञान अलाउद्दीन के चिराग की भांति मानव हित हेतु उपस्थित है। विज्ञान एक शक्ति है जिसका उपयोग बहुत सोच समझकर मानव कल्याण हेतु करना चाहिए। यदि मानव अपने कलुषित विचारधारा का त्याग कर शुद्ध भाव से विज्ञान का उपयोग करें तो वह सुख और शांति की शीतल समीर से हमारे जीवन को आनंदित करेगा और सच्चे अर्थों में वरदान साबित होगा अतः यह कथन सटीक जान पड़ता है
आज के हिसाब से अगर हम देखें तो यह निबंध ऊपरी तौर पर तो सहीं है लेकिन डीप डाउन इसमें अच्छे से डील करके और अच्छा से लिखा जा सकता है। इसलिए आपको मैं यही कहूंगा की आप जितना हो सके इसे वर्तमान की घटनाओं से कनेक्ट करके लिखें।
आपको क्या लगता है सोशल मीडिया के माध्यम से कमेंट करके जरूर बताएं।
पोस्ट को ध्यान से पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
Post a Comment