प्रश्न 11. ध्वनि सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाओं पर प्रकाश डालिए।
ध्वनि सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाएं
उत्तर- ध्वनि सिद्धांत की निम्नलिखित स्थापनाएं हैं-
- आनन्दवर्धन के पूर्व अनेक आचायों द्वारा ध्वनि को काव्य की आत्मा घोषित करना - आनन्दवर्धन ने स्पष्ट शब्दों में अपने 'ध्वन्यालोक' में कहा है कि अनेक पूर्ववर्ती आचार्य ध्वनि को काव्य की आत्मा मानते रहे हैं। न तो आनन्दवर्धन ने किसी आचार्य का नाम लिया और न इस प्रकार का कोई ग्रन्थ प्राप्त होता है।
- बारह विप्रतिपत्तियों की स्वीकृति और खण्डन- अलंकार सर्वस्व की टीका में जयरथ ने ध्वनि के विरोधियों द्वारा माने गये 12 दोष प्रस्तुत किये है। आनन्दवर्धन ने इन सभी का खण्डन किया है।
- ध्वनि का अभाव मानने वालो के तीन विकल्प - ध्वनिकार आनन्दवर्धन ने उन लोगों के तीन विकल्प बताये है जो बनी हुयी ध्वनि का अभाव मानते हैं।
- उपनिषद बनी हुई – आचार्य आनन्दवर्धन ने ध्वनि को सभी श्रेष्ठ कवियों का उपनिषद अर्थात् धर्मग्रन्थ बताया है।
- मन में आनन्द की प्रतिष्ठा का कारण - आनन्दवर्धन ने ध्वनि को मन में आनन्द की प्रतिष्ठा करने वाला ला माना है।
- ध्वनि के भेदों की स्थापना - आनन्दवर्धन ने ध्वनि के दो भेद - वाच्या और प्रतीयमाना स्वीकार किये हैं।
- ध्वनि की प्रतीयमानता - आनन्दवर्धन ध्वनि को प्रतीयमान मानते हैं।
- आत्मा की स्थापना का तत्त्व - ध्वनि आत्म तत्व की व्याख्या करती है ।
Dwani siddhant ki pramukh sthapnao par prakash daliye?
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