प्रश्न 2. तुलनात्मक आलोचना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर - इस आलोचना पद्धति का सूत्रपात 19वीं शती से हुआ। इसका क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है और यह कई प्रकार से हो सकती है, यथा-(i) दो काव्य कृतियों की तुलना, (ii) दो कृतियों की तुलना, (iii) दो कवियों की तुलना, (iv) दो भिन्न भाषाओं के कवियों की तुलना, (v) विभिन्न युगों के कवियों की तुलना, (vi) एक ही कवि की दो कृतियों की तुलना।
तुलना के लिए कुछ समान आधार खोजकर अपनी राय आलोचक देता है। हिन्दी में 'देव और बिहारी' की तुलना लाला भगवानदीन एवं पद्मसिंह शर्मा ने अपने-अपने मानदण्डों के आधार पर करते हुए एक ने बिहारी को तो दूसरे ने देव को श्रेष्ठ सिद्ध करने का प्रयास किया है।
Tulnatmak aalochana per Prakash daliye.
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मनोविश्लेषणवादी आलोचना पद्धति पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 2. तुलनात्मक आलोचना पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 3. ऐतिहासिक आलोचना पर प्रकाश डालिए।
Post a Comment