पत्र लिखने का परंपरा सदियों से चला आ रहा हैं। प्राचीन समय में पत्र किसी दूर रहने वाले व्यक्ति तक सन्देश भेजने के लिए लिखे जाते थे। जिसे पोस्ट द्वारा भेजा जाता था। पत्र को पहुंचने में कई दिन का समय लगता था। आज के समय में कुछ ही पल में सन्देश भेजे जाते है। पत्र लेखन वर्तमान में पूरी तरह डिजिटल हो गया है।
पत्र लेखन क्या है
यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना भेजने का माध्यम है। इसके प्रकार की बात करें तो यह मुख्य रूप से दो प्रकार के हो सकते हैं एक औपचारिक पत्र और दूसरा अनौपचारिक पत्र।
पत्र लिखना न केवल एक सूचना भेजने का माध्यम है बल्कि यह एक कला के रूप में विद्यमान है।
पुराने जमाने में कई ऐसे लेखक हुए जिन्होंने पत्र के माध्यम से अपनी बात कही है जैसे सुभाषचन्द्र को लिखे पत्र में। और गांधी को लिखे पत्र में ऐसे ही कला देखने को मिलते हैं जिससे एक सहज व्यक्तित्व झलकता है।
पत्र की भूमिका
ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो आज भी भारत, मिस्र, चीन में और सुमेर के समय से रोम, ग्रीस के माध्यम से पत्र आज भी मौजूद हैं।
पत्र का उपयोग सत्रहवीं और अठ्ठारहवीं शताब्दी में आत्म शिक्षा के लिए उपयोग किया जाता था। पत्र एक प्रकार से विचारधारा को फैलाने का माध्यम है।
इसमें आलोचना पढ़ने, आत्म-अभिव्यंजक लेखन और समान विचारधार के लोगों तक विचार का आदान-प्रदान करने का माध्यम था। कुछ लोग इसे सन्देश भेजने के माध्यम और संचार के तरीके तथा प्रतिक्रिया प्राप्त करने का माध्यम बताते हैं।
एक निश्चित समय तक लेखन के लिये अक्षरों को कला के रूप में देखा जाता था। एक शैली के रूप में पत्र लेखन को देखा जाता था। उदाहरण के तौर पर आज भी बीजान्टिन एपिस्टोलोग्राफी को लिया जाता है।
अगर प्राचीन इतिहास की बात करें तो पत्र के लिए विभिन्न ताम्र पत्रों और शिलालेखों का उपयोग किया जाता था। तथा इसके अलावा धातु, और मोम, कांच, लकड़ी, मिट्टी के बर्तन, जानवरों के खाल का भी उपयोग किया जाता था।
इसके अलावा विभिन्न वस्तुओं या सामग्रियों पर भी पत्र लिखे जाते थे।
आज के समय में बहुत सारी विविधताएं आ गयी हैं संचार प्रणाली में और आज पत्र लेखन बहुत कम हो गया है खासकर डाक या पोस्टआफिस से।
उदाहरण के रूप में देखें तो आजकल के संचार माध्यम टेलीफोन, मोबाइल ने विद्युत सन्देश ने संचार में लगने वाले समय को बहुत ही कम कर दिया है।
क्या है अब धीरे-धीरे बदलाव होने के कारण निकटतम टेलीग्राफ कार्यालय में कम्प्यूटर में लिखे सन्देश को कागज पर लिखित रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। और इसे प्राप्तकर्ता को दे दिया जाता है। अब सन्देश माध्यम में अगला परिवर्तन टेलिक्स के रूप में था जिसने सन्देश भेजने या वितरण करने के आवश्य्कता को ही खत्म कर दिया।
इसके बाद फैक्स मशीन का दौर आया जिसमें टेलीफोन नेटवर्क का उपयोग करके भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के मध्य एक माध्यम का काम किया जिसमें प्राप्तकर्ता के द्वारा उसी प्रकार से हूबहू प्रिंटआउट प्राप्त हो जाता था जिसे फैक्स मशीन कहा जाता था। जो की फोटो के समान होता है।
आज विज्ञान ने इतना तरक्की कर लिया है की एक ही समय में कई लोगो को सन्देश भेजा जा सकता है। आज के इस आधुनिक युग ने पत्र को भले ही भुला दिया हो लेकिन उसका स्थान अपने आप में सुरक्षित है।
आज के समय में इंटरनेट और इंटरनेट से जुड़े विभिन्न साधन जैसे ईमेल के माध्यम से लिखित सन्देश भेजे जा सकते हैं।
जो की मुख्य भूमिका निभा रहे हैं किसी भी प्रकार के सन्देश भेजने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। यह केवल अक्षरों या शब्दों के रूप में ही सन्देश नहीं भेजता है बल्कि यह आज वीडियो और ऑडियो तथा चित्रों के रूप में भी सन्देश को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजता है। लेकिन आज पत्र शब्द केवल कागज पर लिखे जाने वाले सन्देश के लिए सुरक्षित है।
पत्रों के प्रकार
जैसे की मैने आपको पहले ही बताया है की पत्र को दो प्रकारों में बांटा जा सकता है - औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र
1 . औपचारिक पत्र -
ऐसे पत्र होते हैं जो की सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए भेजा जाता है और जिसमे ज्यादा कुछ उल्लेख नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर आप किसी company के द्वारा उसके Employee को लिखे जाने वाले पत्र को ले सकते हैं।
2 . अनौपचारिक पत्र -
ऐसे पत्र जिसमें किसी भी प्रकार के कम उल्लेख नहीं होते हैं और बहुत ज्यादा निजी जानकारी शेयर की जाती है। उसे हम अनौपचारीक पत्र कह सकते हैं। यह कोई Personal काम से किसी को लिखा जाता है और बहुत ही गोपनीय तरीके से इसे किसी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुचाया जाता है। अनौपचारिक पत्र ही किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक जानकारी शेयर करने के लिए किया जाता है। इसमें अपने मन की बाते किसी को पत्र के माध्यम से भेजा जाता है।
यह बहुत छोटा या बड़ा हो सकता है यह पत्र लिखने वाले के ऊपर निर्भर करता है। की वह किस प्रकार की जानकारी उस दूसरे आदमी जो पत्र को प्राप्त करने वाला है तक शेयर कर रहा है।
साहित्यिक ऐतिहासिक स्रोत सामग्री के रूप में
इस पोस्ट में साहित्य से इसके स्त्रोत की बात करें तो साहित्य में ऐसे कई साहित्य हैं जिन्हें पत्र से प्रेरित होकर लिखा गया है और इतिहास भी पत्रों (ताम्र पत्र) से और जानकारी प्राप्त करता है इस प्रकार पत्र का जो शिलशिला है वह कई हजारों वर्ष से चला आ रहा है।
पत्र सन्देश भेजने का एक माध्यम ही नहीं है बल्कि इससे कई इतिहासिक घटनाओं की जानकारी भी मिलती है कई सारे इतिहास का पता हमें पत्थरों पर लिखे सन्देशों के माध्यम से मिलते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मेल के साथ तुलना की जाए तो वह पत्र लेखन से कई प्रकार से भिन्न है और इसमें वह सभी सुविधाएं नहीं हैं जो की आज के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे गए सन्देश में भेजे जाते हैं। आज के इस युग में सन्देश भेजने का सबसे आसान तरीका है ई मेल और सन्देश भेजने वाले मोबाइल एप्लीकेसन माध्यम से भेजे जाते हैं।
उस समय क्या होता था जब पत्र लिखें जाते थे तो केवल शब्द और वाक्य ही उसमें शामिल होते थे इस प्रकार के आधुनिक साधन उपलब्ध नहीं होने कारण चित्र और वीडियो आदि नहीं भेजे जा सकते थे। चुकी उस समय न ही कोई यन्त्र थे और न ही किसी प्रकार के बिजली से चलने वाले यन्त्र या मशीन थे इस कारण इस प्रकार के ज्यादा सुविधाएं उस समय के लोगों को नहीं मिल पाती थी लोगो को। अब बात की जाए वितरण की तब।
वितरण की प्रक्रिया
वितरण करने के लिए राजा महाराजा के समय एक अलग से पत्र पहुचाने वाला होता था जो की सन्देश या खबर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाता था। तो इस हिसाब से वह समय भी ठीक था क्योकि उस समय बहुत सारे काम करने वाले हमें मिल जाते थे और उस समय इतनी सुविधा ना होना भी एक कारण था की आखिर और कैसे भेजे सन्देश को तो पत्र लेखन ही एक माध्यम था। अपनी बात को दूर किसी के पास भेजने का।
अब क्या होता है अब की जिंदगी या लाइफ बहुत ही ज्यादा फास्ट है लोग एक पल का भी इंतजार नहीं कर सकते है और लोग तुरन्त रिजल्ट चाहते हैं।
पत्र लिखना अभी वर्तमान युग में बहुत ही कम हो गया है और लोग शायद ही पत्र लिखते हैं। क्योकि किसी भी प्रकार के पत्र लिखने का काम आज मोबाइल या कम्प्यूटर के माध्यम से हो जाता है। आज कल सबसे ज्यादा कम्पनियों के द्वारा सूचनाओं को लोगो तक पत्र के माध्यम से भेजा जाता है और कई बीमा कम्पनियों के द्वारा भी आज कल पत्र के माध्यम से या पोस्ट आफिस से लेटर भेजा जाता है।
Patra lekhan kya hai?
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