1. वाक्य एवं इसके भेद को सोदाहरण समझाइये।
उत्तर - वाक्य - भावाभिव्यक्ति की दृष्टि से स्वतः पूर्ण सार्थक शब्द-समूह का नाम 'वाक्य' है। पाणिनि ने 'वाक्यं पद-समुच्चयः' अर्थात सही रूपों- सार्थक शब्दों के समुच्चय को वाक्य कहा है। यूरोपीय विद्वान थ्रैक्स और भारतीय मनीषी पतंजलि द्वारा वाक्य की दी गयी परिभाषाओं का सार इस प्रकार है -
"पूर्ण अर्थ की प्रतीति कराने वाले शब्द-समूह का नाम वाक्य है।"
आज का भाषा-वैज्ञानिक इस परिभाषा को मानने को प्रस्तुत नहीं है, क्योकि आज यह सिध्द हो चूका है की भाषा की इकाई वाक्य है। अतः वाक्य को पदों का समूह मानकर पदों को वाक्य के कृत्रिम अवयव मानना ही अधिक उपयुक्त है।
पद अथवा वाक्य को भाषा की इकाई मानने का विवाद मीमांसकों में भी मिलता है। जहां अभिहितान्वयवादी मीमांसकी पदों की सत्ता को स्वीकार करते हैं और पदों को वाक्य के अवयवों के रूप में ग्रहण करते हैं। भर्तृहरि ने भी वाक्य की सत्ता को ही वास्तविक माना है और आज का भाषा-वैज्ञानिक इसी धारणा को मान्यता देता है।
वाक्य के भेद -
वाक्य के भेद कई आधार पर स्वीकृत किये गये हैं और वाक्यों के कई प्रकारों का उल्लेख किया गया हैं और वाक्यों के कई प्रकारों का उल्लेख किया गया है। डॉ. कपिलदेव द्वेदी प्रमुख रूप से वाक्यों के पाँच भेदों का उल्लेख किया है -
- आकृति मूलक भेद
- रचनामूलक भेद
- अर्थमूलक भेद
- क्रियामूलक भेद
- शैलीमूलक भेद
- अयोगात्मक
- श्लिष्ट योगात्मक
- अश्लिष्ट योगात्मक
- प्रशिलिष्ट योगात्मक
- समान्य (सरल या साधारण) वाक्य (Simple Sentence)
- उपवाक्य
- मिश्र वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- पूर्ण वाक्य
- अपूर्ण वाक्य
1. सामान्य (सरल साधारण) वाक्य - सीता जागती है।
2. उपवाक्य - 'वह नेता लोकप्रिय होगा जो जनता के हित की चिंता करेगा।' उपर्युक्त वाक्य में - 'वह नेता लोकप्रिय होगा' - प्रधान वाक्य है तथा 'जो जनता के हित की चिंता करेगा' - गौण वाक्य है।
3. मिश्र वाक्य - जो जाएगा रायपुर वो आएगा छत्तीसगढ़।
4. संयुक्त वाक्य - कल रात वह आया, खाया-पीया और चलता बना।
5. पूर्ण वाक्य - मोहन खाना खायेगा।
6. अपूर्ण वाक्य - क्या तुम उधर जाओगे।
3. अर्थमूलक भेद - अर्थ या भाव की दृष्टि से वाक्य के निम्नलिखित भेद किये गए हैं -
- सकारात्मक या विधि वाक्य
- नकारात्मक या निषेध वाक्य
- आदेशात्मक या अनुज्ञा वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- संदेहात्मक वाक्य
- निश्चयात्मक वाक्य
- अनिश्चयात्मक वाक्य
- जिज्ञासात्मक वाक्य
- कामनात्मक वाक्य
- निर्णयात्मक वाक्य
- संकेतात्मक वाक्य
- विस्मयात्मक वाक्य
क्रियायुक्त वाक्य
क्रियाहीन वाक्य
5. शैलीमूलक अथवा रचना के रूप भेद - आग! चोर-चोर! हाय दुर्भाग्य! आदि।
Vakya ewm eske bhed ko sodahran samjhaeye?
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