वाक्य के भेदों का विश्लेष्ण कीजिये।

 वाक्य के भेदों का विश्लेष्ण कीजिये। 

उत्तर - वाक्य के भेदों का विश्लेषण इस प्रकार प्रस्तुत है -

वाक्य के भेद कई आधार पर स्वीकार किये गए हैं और वाक्यों के कई प्रकारों का उल्लेख किया गया है। डॉ. कपिलदेव द्वेदी प्रमुख रूप से वाक्यों के पांच भेदों का उल्लेख किया है -

  1. आकृतिमूलक भेद 
  2. रचनामूलक भेद 
  3. अर्थमूलक भेद
  4. क्रियामूलक भेद
  5. शैलीमूलक भेद 
1. आकृतिमूलक भेद - इसके आधार पर चार भेद किये गए -

  1. अयोगात्मक 
  2. श्लिष्ट योगात्मक 
  3. अश्लिष्ट योगात्मक 
  4. प्रशिलिष्ट योगात्मक 
2. रचनामूलक भेद - इस आधार पर वाक्यों को उन्होंने निम्न छः प्रकारों में बांटा है -

  1. समान्य वाक्य - जिसमें एक विधेय और एक क्रिया हो। 
  2. उपवाक्य - दो या दो से अधिक सरल वाक्यों के मेल से बना होता है। मुख्य वाक्य के ऊपर निर्भर गौण वाक्य ही उपवाक्य है। 
  3. मिश्र वाक्य - एक या एक से अधिक उपवाक्य आश्रित हों तब मिश्र वाक्य बनता है। 
  4. संयुक्त वाक्य -  गौण वाक्य उपस्थित लेकिन मुख्य वाक्य पर आश्रित नही होता है। 
  5. पूर्ण वाक्य - वाक्य के लिए सारे आवश्यक उपकरण उपलब्ध हों। 
  6. अपूर्ण वाक्य - वाक्य के कुछ उपकरणों का लोप हो जाया रहता है। 
3. अर्थमूलक भेद - इसके आधार पर निम्न भेद किये गए हैं सकारात्मक वाक्य, नकारात्मक वाक्य , आदेशात्मक, प्रश्नवाचक, संदेहवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चितात्मक, जिज्ञासात्मक, कामनात्मक, निर्णयात्मक, संकेतात्मक, विस्मयात्मक। 

4. क्रियामूलक भेद - इस आधार पर निम्न प्रकारों में भेद किये गए हैं -

  1. क्रियायुक्त वाक्य 
  2. क्रियाहीन वाक्य 

5. शैलीमूलक वाक्य - इस दृष्टि से भी वाक्यों के कई भेद किये गये हैं -

  1. शिथिल वाक्य 
  2.  समीकृत वाक्य 
  3. अवर्तक  वाक्य 
  4. अंतः केंद्रित 
  5. सवर्गी रचना 
  6. आश्रित वर्गी। 
निष्कर्ष - तो इस प्रकार वाक्य के भेदों को कई आधार पर बांटा गया है। 

Vakya ke bhedo ka vishleshan kijiye?

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