यदि साहित्य को जीवन की व्याख्या माने तो आलोचना को उस व्याख्या की व्याख्या मानना पड़ेगा। यह कथन किसका है?

1. यदि साहित्य को जीवन की व्याख्या माने तो आलोचना को उस व्याख्या की व्याख्या मानना पड़ेगा। यह कथन किसका है?

उत्तर - उपर्युक्त कथन श्यामसुंदर दास जी का है। 

Yadi sahitya ko jivan ki vyakhya mane to alochna ko us vyakhya ki vyakhya manna padega. yaha kathan kiska hai?

Ans - Shyamsundar das.

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