1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के काल विभाजन की महत्ता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - मोटे रूप से शुक्ला जी द्वारा किए गए काल-विभाजन में दो बातें महत्वपूर्ण हैं -
(अ) उन्होंने पहले तो प्रत्येक कार्य की सीमावधि निर्धारित करके उसे काल खंडों (आदि-काल, पूर्व मध्यकाल, उत्तर-मध्यकाल एवं आधुनिक काल में विभाजित कर दिया। साथ ही काल खंड विशेष की प्रमुख प्रवृत्ति के आधार पर उस कालखंड का नामकरण कर दिया है।
(ब) उन्होंने प्रत्येक काल का वर्णन इस प्रकार किया है कि पहले तो उस काल की सामान्य परिस्थितियों का वर्णन किया, फिर उसकी प्रवृत्ति सूचक रचनाओं का वर्णन किया है - जो उस काल की प्रमुख प्रवृत्ति अंतर्गत होगी। तदनंतर संक्षेप में उनके अतिरिक्त अन्य प्रकार से ध्यान देने योग्य रचनाओं का उल्लेख किया है।
Acharya ramchandra shukla ke kal vibhajan ki mahatta spashta kijiye.
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