काव्य के भेद 'चित्रकाव्य' का परिचय दीजिए।


प्रश्न 14. काव्य के भेद 'चित्रकाव्य' का परिचय दीजिए।

चित्रकाव्य

उत्तर- आचार्य मम्मट ने चित्रकाव्य को अधमकाव्य स्वीकार किया है। चित्रकाव्य के विषय में मम्मट का कवन निम्न प्रकार है -

 शब्दार्थ चित्रं यत्पूर्वं काव्यद्वय मुदाहृतम। 

गुण प्रधान्या तस्यत्र स्थितिश्चिरार्थ शब्दयोः।।

    ( शब्द चित्र और अर्थ चित्र नामक दो प्रकार के जो काव्य पहले कहे गये हैं, उनमें शब्द चित्र ओर अर्थ चित्र की स्थिति गुण की प्रधानता के कारण होती है।)

    ऐसा भी नहीं है कि शब्द-चित्र में अर्थ का अभाव और अर्थ चित्र में शब्द का अभाव होता है। आचार्य मम्मट ने शब्द चित्र और अर्थ चित्र के उदाहरण इस प्रकार दिये हैं -

शब्द चित्र - 

प्रथम चरणच्छायस्तेवत् ततः कनक प्रभः,

 तदनु विरहोत्ताम्पत्तन्त्री कपोलवल ड्यूटी तिः।।

 उदयति ततो ध्वन्त ध्वसक्षमः क्षणदा मुखे, 

सरस विसिनी कन्दच्छंदच्छवि भृंग लाञ्छनः।।

यत्पूर्व काव्यद्वय मुदाहृतम्। गुण प्रधान्या तस्यत्र स्थितिश्विरार्थ शब्दयोः ।।

अर्थ चित्र -

ते द्रष्टिमात्र पतिता अपनाम कस्य, 

शोभाय पक्ष्मल दशामलकाः खलाश्च। 

नीचा: सदैव सविलास मलीक लग्ना, 

में कालतां कुटिलता मिव न त्यजन्ति।।

 Kavya ke bhed chitra kavya ka parichay dijiye?

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