अंग्रेजी साहित्य के स्वच्छंदतावाद का परिचय दीजिए।

प्रश्न 6. अंग्रेजी साहित्य के स्वच्छंदतावाद का परिचय दीजिए। 

उत्तर - अठारहवीं शताब्दी के अन्तिम दशक के बाद और बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में जो साहित्यिक विचारधारा उत्पन्न हुयी, रोमाण्टिसिज्म कहा गया। इसी का हिन्दी अनुवाद 'स्वच्छंदतावाद' है। यूरोप में इस स्वच्छंद्रविचारधारा का झंडा रूसो ने उठाया। इसने पहली बार मानव की स्वतंत्रता पर बल दिया। उसने स्वतंत्रता के लिए प्रकृति की ओर लौटने का समर्थन किया। अभिजात्यवाद में आत्मा को अधिक दबाया गया था। इसके कारण यूरोपीय साहित्य में स्वाभाविक उन्मेष दब गया था। स्वच्छंदतावाद को नव्यशास्त्रवाद भी कहा गया। स्वच्छंदतावाद की उत्पत्ति के निम्नलिखित कारण थे -

(क) सामाजिक, (ख) राजनीतिक, (ग) दार्शनिक और (घ) साहित्यिक । 

धीरे-धीरे यह आन्दोलन विश्वव्यापी हो गया। विद्वानों ने इसे निम्नलिखित दो रूपों में ग्रहण किया -

(क) शाश्वत तत्व के रूप में - ग्रियर्सन तथा भारतीय विद्वानों ने इसे शाश्वत रूप में ग्रहण किया। 

(ख) ऐतिहासिक आन्दोलन के रूप में - इसे इस रूप में लगभग सभी ने स्वीकार किया। 

 Angreji sahitya ke svachchhandtawad ka parichay dijie.

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