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चलिए अब शुरू करते हैं आज का हमारा टॉपिक आत्मकथा क्या है? पिछले पोस्ट में हमने जाना था जीवनी के बारे में की हिंदी साहित्य में जीवनी क्या है? यह हमारा नया सीरिज चल रहा है जो की छिंदवाडा यूनिवर्सिटी के चौथे सेमेस्टर के सिलेबस से लिया गया है.
आत्मकथा हिंदी में |
आत्मकथा
आत्मकथा का अर्थ – आत्मकथा का अर्थ है अपनी आत्म की कथा अर्थात अपनी कथा . जब कोई महान व्यक्ति अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का श्रृंखलाबद्ध विवरण स्वयं लिखता है, तब उसे ‘आत्मकथा’ कहा जाता है | आत्मकथा में लेखक को निरपेक्ष एवं तटस्थ रहना चाहिए | हिंदी में लिखित कुछ आत्मकथाएं इस प्रकार हैं :
क्रम | आत्म कथा लेखक | कृतियों के नाम |
---|---|---|
1. | बनारसीदास जैन | अर्द्ध कथानक-हिंदी की पहली आत्मकथा |
2. | भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र | कुछ आप बीती कुछ जग बीती ( अपूर्ण ) |
3. | अम्बिकादत्त व्यास | निज वृत्तान्त |
4. | स्वामी श्रद्धानन्द | कल्याण पथ का पथिक |
5. | भाई परमानन्द | आप बीती |
6. | जवाहरलाल नेहरू | मेरी कहानी – मूलतः अंग्रेजी में |
7. | के. एम. मुंशी | आधे रास्ते, सीधी चढ़ान-मूलतः गुजराती में |
8. | सत्यदेव परिव्राजक | स्वतन्त्रता की खोज |
9. | राहुल सांकृत्यायन | मेरी जीवन यात्रा |
10. | वियोगी हरि | मेरा जीवन प्रवाह |
11. | शान्तिप्रिय द्वेदी | परिव्राजक की कथा |
12. | यशपाल | सिंहावलोकन |
13. | गुलाबराय | मेरी असफलताएं |
14. | देवेन्द्र सत्यार्थी | चांद सूरज के बीरन |
15. | महात्मा गांधी | सत्य के प्रयोग |
16. | डॉ. हरिवंशराय बच्चन | (i) क्या भूलूं क्या याद करूं? |
(ii) नीड़ का निर्माण फिर | ||
(iii) बसेरे से दूर | ||
(iv) प्रवास की डायरी | ||
(v) दशद्वार से सोपान तक | ||
17. | पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ | अपनी खबर |
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