रीति की अवधारणा क्या है काव्य में रीति के महत्व को स्पष्ट कीजिए?

1. रीति की अवधारणा क्या है काव्य में रीति के महत्व को स्पष्ट कीजिए?

उत्तर - रीति को आम बोलचाल की भाषा में नियम जो की सालों से चली आ रही है उसके पर्याय में लिया जाता है इसका एक मतलब यह भी होता है की इसे नियम भी कहा जाता है। 

अर्थात जो भी रचनाएँ भक्तिकाल के बाद नियम बद्ध तरिके से लिखी गयी रीतिकाल की श्रेणी में उसे रखा गया है। 

रीतिकाल में जितनी भी कविताएं लिखी गयी वो तीन प्रकार से लिखी गयी पहली जो रीतिबध्द हुआ करती हैं और दूसरी वो जो रीतिसिद्ध हुआ करती हैं और तीसरे नंबर पर रीतिमुक्त कविताएँ लिखी गयी। 

काव्य में रीति के महत्व -

  • किसी भी प्रकार के काव्य में रीति के होने से उसमें रोचकता बढ़ जाती है। 
  • काव्य रीतिबद्ध होने से पढ़ने में भी आसानी होती है। 
  • काव्य में रीति एक प्रकार की शैली का काम करता है। 
  • काव्य में रीति मुक्त सिद्धांत होने से लेखक स्वतंत्र रूप से लिख सकता है। 
  • काव्य रीति बद्ध होने से काव्य को एक उचित मात्रा और क्रम में लिखना पड़ता है। 
  • आजतक रीतिसिद्ध कवियों की बात करें तो कवि बिहारी ही ऐसे कवि हुए हैं जिन्होंने रीतिबद्ध कविताएँ लिखी हैं। 

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Riti ki avdharna kya hai kavya men riti ke mahatva ko spasht kijiye.

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