1. केयूर भूषण पर टिप्पणी लिखें।
केयूर भूषण
उत्तर - केयूर भूषण का जन्म 1928 में दुर्ग जिले में हुआ था। उन्होंने 11 साल की उम्र से ही आजादी की लड़ाई में भाग लेना शुरू कर दिया। सिर्फ 18 साल के थे जब 1942 के आंदोलन में भाग लेकर 9 महीने के लिए जेल में रहे थे। बाद में किसान मजदूर आंदोलन में जुड़कर जेल गए थे।
केयूर भूषण जी गांधीवादी चिंतक रहे हैं। हरिजन सेवक संघ के पदाधिकारी रह चुके हैं। रायपुर लोकसभा से दो बार सांसद चुने गए। बहुत दिनों तक वे लेखन कार्य में व्यस्त रहे हैं, समाज की उन्नति के लिए लगातार काम कर रहे थे। उनकी रचनाएं हैं - लहर (कविता संकलन) कुल के मरजाद (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), कहां बिलोगे मोर धान के कटोरा (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), कालू भगत (छत्तीसगढ़ी कथा संकलन) छत्तीसगढ़ी के स्वतंत्रता सेनानियों।
केयूर भूषण जी छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढ़ी संदेश का सप्ताहिक संपादन करते थे।
छत्तीसगढ़ी साहित्य के बारे में उनका कहना है - छत्तीसगढ़ी साहित्य अब पोठ होवत हे। सबै किसम के छत्तीसगढ़ी साहित्य उजागर होवत है। जतेन छत्तीसगढ़ी शब्द वोमा काम आही ओतके छत्तीसगढ़ी भाव सुंदराही। जब छत्तीसगढ़ी मा हिंदी शब्द सांझर-मिझहर होय लागथे तो ओखर मिठास मा फरक आये लागथे। जिहां तक हो सकय मिलावट ले बांधय अउ खोजके छत्तीसगढ़ी, शब्द ला अपन लेखन मा शामिल करय।
- जन्म - 1 मार्च 1928
- मृत्यु - 3 मई 2018
- जन्म स्थान - ग्राम जाँता, जिला दुर्ग (वर्तमान बेमेतरा)
- मृत्यु स्थान - रायपुर।
- कार्य क्षेत्र - स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, पत्रकार, छत्तीसगढ़ी साहित्यकार।
- पुरस्कार - पं. रविशंकर शुक्ल सद्भावना पुरस्कार 2001
- राजनीति - 1980 - 1999 तक रायपुर लोकसभा सदस्य।
- राजनितिक पार्टी - कांग्रेस पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी और सर्वोदय में कार्य किया।
- शिक्षा - मिडिल स्कुल तक।
सम्पादन -
- साप्ताहिक छत्तीसगढ़ संदेश
- साप्ताहिक छत्तीसगढ़
- त्रैमासिक हरिजन सेवा (नई दिल्ली)
- मासिक अंत्योदय (इंदौर)
छत्तीसग़ढी रचनाएं -
- कहानी - मोंगरा,
- कहानी संग्रह - कालू भगत, आँसू म फिले अचरा, डोंगराही रद्दा।
- नाटक - सोना कैना,
- निबंध संग्रह - हीरा के पीरा।
- गीत - बनिहार,
- छत्तीसगढ़ी उपन्यास - कुल के मरजाद, कहाँ बिलोगे मोर धान के कटोरा, लोक लाज, समें के बलिहारी (जाती व्यवस्था पर आधारित)
- कविता संग्रह - लहर
- प्रार्थना एवं भजन - नित्य प्रवाह।
- अन्य - मोर मयारू, छत्तीसगढ़ के नारी रत्न।
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