जीवन में खेलों का महत्व | Importance of Game in life essay in hindi

 3.  जीवन में खेलों का महत्व

    सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ये गाना जब कोई Game में या खेल में जब सुनने को मिलता है तो मन खुश हो जाता है। 

आज के इस पोस्ट में हम किस संबंध में बात करने वाले हैं यह तो आपको पता चल ही गया होगा आज हम बात करने जा रहें हैं जीवन में हमारे लिए खेल कितना महत्व रखता है इस संबंध में और आज का विषय है जीवन में खेलों के महत्व पर निबंध लिखिए। 

इससे पहले भी हमने विज्ञान के चमत्कार और विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व पर निबंध लिख लिया है जिसमें हमने कोशिस की है की कैसे लिखें जिससे हमें अच्छे नंबर मिल सकें। 

आज का विषय हमारे हिंदी निबंध का लेखन सीरीज निबंध लेखन Class 12 का तीसरा निबंध है यदि आप उन निबंधों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो जाके पढ़ सकते हैं। 

यह रहा लिंक -

जीवन में खेलो का महत्व हो न हो इससे अभी के समय में बहुत ज्यादा कमाई हो जाती है इसलिए यह आज के समय और ज्यादा महत्व रखता है।  

Importance of Game in life essay in hindi

रूपरेखा - 

  1. प्रस्तावना 
  2. खेल प्रतियोगिता हेतु 
  3. खेलों के प्रकार 
  4. खेलों से लाभ या महत्व 
  5. सरकार द्वारा किये गए प्रयत्न 
  6. उपसंहार 

आईये सबसे पहले जाने की हम की किस प्रकार से इसमें वैल्यू एड कर सकते हैं इस वर्तमान समय को ध्यान में रखकर 

प्रस्तावन हमें किसी भी निबंध के विषय में पूरी ऊपरी जानकारी देता है तो इस हिसाब से यह एक प्रकार का परिचय ही हुआ आईये जाने प्रस्तावना 

1. प्रस्तावना - आज मनोरंजन किसको पसंद नहीं है आज के दौर में यह हमारे व्यस्त जीवन का एक अहम भाग बन गया है और इसकी वजह से कई सारे नुकशान भी हमें अभी के समय में देखने को मिल रहे हैं। 

आज के समय में सबसे बड़ा मनोरंजन का साधन मोबाईल फोन है जो की एक प्रकार से मनुष्य के आंतरिक मन से खेल रहा है। आज पूरा विश्व इस लत से जूझ रहा है क्या है इसकी वजह क्यों लोग ऐसा कर रहें हैं। 

इन सबकी वजह है लालच विभिन्न प्रकार के लुभावने वीडियोज और ऑडिओज आज के समय में इंटरनेट पर देखने को मिलते हैं जो की मानसिक रूप से लोगों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। 

लेकिन वही पर अगर हम बात करें खेलों की तो वह हमारे मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन है जिससे यदि हानि को देखा जाए तो बहुत ही कम है। 

खेल मनोरंजन का उत्तम साधन है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका महत्वपूर्ण स्थान है। खेल से हमारे शरीर का हर अंग, मांसपेशियाँ आदि सुचारु रूप से कार्य करते हैं। हम अपने शरीर से स्फूर्ति का अनुभव करते हैं। रक्त संचार उचित ढंग से होता है, जिस प्रकार से मनुष्य के शरीर के लिए खाना-पीना-सोना, वायु आदि अनिवार्य हैं, उतना ही खेलना भी है। खेल एक प्रकार का व्ययाम है। 

मानसिक श्रम करने वालों के लिए टॉनिक का कार्य करते हैं। बिना खेलकूद के जीवन अधूरा रहता है, अतः कहा गया है - "All work and no play, Jack a Dull boy"

    अर्थात सारे दिन काम करना खेलना नहीं होशियार को भी मूर्ख बना देता है। 

2. खेल प्रतियोगिता हेतु - वर्तमान परिवेश में खेलों का महत्व बहुत बढ़ गया है। प्रतियोगिताओं के कारण क्षेत्र व्यापक हो गया है। इसी स्पर्धा के कारण मानव जीवन और पूरा विश्व एक खेल का मैदान बन गया है।

हर किसी में अपनी रूचि के खेल में पारंगत होने की होड़ लगी रहती है। प्रतियोगिताओं के ही कारण विश्वकप, ओलम्पिक, एशियाड आदि खेलों का जन्म हुआ। आइये अब देखें खेलों के प्रकार के बारे में 

3. खेलों के प्रकार - आजकल खेलों को दो भागों में बांटा जाता है -

1. घर के भीतर खेले जाने वाले खेल - ताश, कैरम, शतरंज, टेबल टेनिस, लूडो, बिलियर्ड आदि। 

2. मैदान में खेले जाने वाले खेल - हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बालीबॉल, बास्केट बॉल आदि। 

4. खेलों से लाभ या महत्व - 

वैसे तो खेलों से बहुत ही ज्यादा लाभ हमें होते हैं और यह सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि यह आसपास के लोगों के लिए एक मोटिवेशन का काम करता है क्योंकि आज के समय हम एक दूसरे को देखकर ही इंस्पायर होते हैं। आइये देखें यह किस प्रकार के लाभ और महत्व हमारे जीवन में रखता है। 

1. मैत्री भावना का विकास - खेल दो दिलों को जोड़ने वाले होते हैं। बड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ खेलते हुए अंत में हारने वाले जीतने वाले को गले लगाते हैं, बधाई देते हैं, परस्पर प्रेम और भाई-चारे की भावना में वृद्धि होती है, अतः खेल मैत्री और बंधुत्व के प्रतीक हैं। यह लोगों में मेल कराता है। 

2. अनुशासित जीवन - खेल में निर्धारित नियमों का पालन करना पड़ता है। संचालकों, गाइडों शिक्षकों के आदेशों का पालन करना पड़ता है, जिससे खिलाड़ी का जीवन स्वतः ही पूर्ण अनुशासित हो जाता है। 

3. मनोरंजन के साधन - खेल मनोरंजन की सामग्री जुटाते हैं। खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों दोनों को ही मनोरंजन मिलता है। ऐसे लोगों को भाग्यहीन कहना चाहिए जो खेलों से प्राप्त मनोरंजन के महत्व को नही जानते हैं। 

4. मानवीय गुणों का विकास - खिलाड़ी लगनशील, परिश्रमी और कर्मठ होता है। आलस्य, अकर्मण्यता और थकान उससे कोसों दूर रहती है। ईर्ष्या, द्वेष, भेद-भाव से दूर रहता है। खेलों के द्वारा मानव-मानव में प्रेम संबंध दृढ़ हो जाते हैं। खेल भावना के कारण आपसी सहयोग, संगठन, अनुशासन एवं सहनशीलता का गुण आ जाता है। विजय की दशा में उत्साह और हारने की स्थिति में सहनशीलता का भाव आ जाता है। 

5. यश और मान में वृद्धि - खेलों से केवल खिलाड़ियों का ही मान सम्मान नहीं होता है , अपितु उसके पुरे देश का, समाज का, जाति का नाम रौशन होता है जो की अस्थाई होता है नाम के लिए। 

हमने कई ऐसे खिलाड़ी भारत में देखें हैं जिन्होंने अपने मेडल को नीलाम करके अपने जीवन बिताएं हैं इस हिसाब से सब नाम के हैं हमारे भारत में मैं किसी का नाम नहीं लूंगा वह औरत उस खिलाड़ी से ज्यादा पैसे कमा जाती है जो उस फिल्म में किसी खिलाड़ी की भूमिका निभाती हैं वहीं दूसरी तरफ भी वह अभिनेता उस खिलाड़ी से ज्यादा पैसे कमा जाता है जिस खिलाड़ी के जीवन पर उसने फिल्म बनाई होती है। 

तो कुछ इस तरह है हमारे भारत में खिलाड़ियों का यश और मान। 

6. स्वास्थ्य में वृद्धि - खेलने से शरीर का भरपूर व्यव्याम होता है जिससे खिलाड़ी शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से भी स्वस्थ होते हैं। उनका निरंतर विकास होता है। अतः कहा गया है -

"A healthy mind is in a healthy body"

अर्थात स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। 

5. सरकार द्वारा किये गए प्रयत्न - खेलों के विकास के लिए भारत सरकार ने खेल मंत्रालय स्थापित किया है यह मंत्रालय क्षेत्रीय, प्रादेशिक, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। उत्तम खिलाड़ी खेल के आधार पर चयन करके प्रशिक्षण की व्यवस्थाल करते हैं। खेल की उत्तम सामग्री निर्माण एवं क्रय करने के लिए अनुदान और ऋण प्रदान करता है। 

6. उपसंहार - खेलों से जीवन महान बनता है। हम समाज तथा देश में महत्व प्राप्त करते हैं। उत्साह के साथ जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं। 

मानव जीवन सम्पन और खुशहाल बनता है। हर विकसित देशों में खेलों का अधिकाधिक विकास हो रहा है। जिसके कारण वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक पदक प्राप्त करते हैं। हमें भी अपने देश में अधिक से अधिक खिलाड़ी तैयार करने के लिए खेलों को महत्व देना चाहिए। 

इसके लिए बचपन से ही बालकों को विविध खेलों का अभ्यास कराना चाहिए, जिससे उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास होता रहे। 

आइये अब बात करें की किस प्रकार से और अच्छे से लिखा जा सकता था और किस तरिके से इसे बढ़िया बताया जा सकता था। 

इस लेख में थोड़ी से स्पष्टता नही है इसे और स्पष्ट रूप से लिखा जा सकता है आज भारत में करीब से देखने पर पता चलता है की यहां लोग तारीफ़ तो जमकर करते हैं लेकिन महत्व कोई नहीं देता। 

भूखा व्यक्ति को खाना देने की बात तो सभी करते हैं लेकिन कोई भी उसे खाना नहीं देता। आज जरूरत है अपने आप को बदलने को खुद को बदलने की और समझने की जिस दिन हमने अपने आप को समझ लिया समझो उस दिन हमने पुरे विश्व को समझ लिया। 

अगर आपके कोई सुझाव हो तो हमें जरूर बताये गूगल के इस फॉर्म के माध्यम से धन्यवाद!

Internet पर पूछे जाने वाले सवाल -

1. खेलों का महत्व कैसे लिखें?

तो इस प्रश्न का उत्तर यही निबंध है जिसमें हमने एक नियम के बंधकर उसके महत्व को समझने की कोशिस की है। 

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