प्रश्न 8. मार्क्सवाद का परिचय दीजिए।
उत्तर - कार्ल मार्क्स के भौतिकवादी दृष्टिकोण को मार्क्सवाद कहा जाता है। इसका दूसरा नाम 'समाजवाद' भी है। कार्ल मार्क्स ने साहित्य की व्याख्या भी भौतिकवादी दृष्टिकोण से की उसने साहित्य में समाज और मानव का यथार्थ रूप प्रस्तुत करने का भी आग्रह किया। समाजवाद का मूल आधार वर्ग संघर्ष है। मार्क्स ने सभी आदर्शवादी वृत्तियों का विरोध किया। उसने इन वृत्तियों को भटकाव बताया। मार्क्स ने द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद को दार्शनिक दृष्टिकोण घोषित किया। मार्क्स के चिन्तन का आधार लोकमंगल और उपयोगितावाद है। मार्क्स का भौतिकवाद आनन्दवादी दर्शन का विरोधी है। मार्क्स की विचारधारा द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद और वर्ग संघर्ष पर आधारित है। मार्क्स की विचारधारा को साहित्य के परिप्रेक्ष्य में काडवेल ने प्रस्तुत किया। उसने आर्थिक व्यवस्था को समाज के जीवन का आधार माना साहित्य समाज के जीवन से प्रभावित होता है, इसी आधार पर साहित्य को समाज का दर्पण माना जाता है। हिन्दी साहित्य में समाजवाद अथवा मार्क्सवाद को प्रगतिवाद कहा गया।
markswad ka parichay dijiye.
marksvad ki paribhasha
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