छत्तीसगढ़ी निबंध - Chhattisgarhi Essay

साथियों आप सभी का स्वागत है मेरे इस ब्लॉग पर पिछले पोस्ट में मैंने बात किया था छत्तीगसढ़ी गद्य साहित्य के बारे में और आज बात करने वाले छत्तीसगढ़ी निबन्ध के बारे में इस पोस्ट में हम तीन टॉपिक को एक साथ पढ़ेंगे क्योकि ये थोड़ा सा है इस पोस्ट में मैंने आपको छत्तीसगढ़ी निबन्ध के नाम और उसके रचनाकार के नाम बताये हैं -

इसमें पत्रिका का वर्णन इसलिए किया गया है क्योकि छत्तीसगढ़ी निबन्धों के प्रकाशन का शुभारम्भ छत्तीसगढ़ी की पत्र पत्रिकाओं से हुआ है। केयुर भूषण कृत - रांड़ी ब्राम्हण के दुरदसा ( 1968 ई. ) को प्रथम निबन्ध मानी गयी है।

Chhattisgarhi Nibandh
Chhattisgarhi nibandh

छत्तीसगढ़ी निबंध

  • केयुर भूषण - रांड़ी ब्राम्हण के दुरदसा ( 1968 ई. ) - प्रथम निबन्ध।
  • गयाराम साहू - जानो अतका बात ( 1970 ई.)
  • डॉ. पालेश्वर शर्मा - गुंडी के गोठ  (cgpsc 2013)
  • लखनलाल गुप्त - सोनपान ( 1968 - ग्यारह निबन्धों का सन्ग्रह ), सुरता के सोनकिरन, गोठ-बात
  • कपिलनाथ कश्यप - निसेनी धान की आत्मकथा
  • बृजलाल बंछोर - कुरमी
  • भूषण परगनिया - मरार, लोहार,कंगला
  • नारायण परमार - दरिया,जंवार, सोहर
  • हेमनाथ यदु - छत्तीसगढ़ अऊ छत्तीसगढ़िया।

छत्तीसगढ़ी एकाँकी और रचनाकार 

  • लखन लाल गुप्त - सरग ले डोला आइस
  • नंद किशोर तिवारी - परेमा
  • नारायण लाल परमार - मतवार अउ दूसर एकाँकी,सुरुज नई भरे
  • टिकेंद्र टिकरिहा - सउत के डर
  • शुकलाल प्रसाद पाण्डेय - उपसहा दमाद बाबू , केकरा धरैया, सीख देवैया
  • धनंजय - पंच परमेश्वर

छत्तीसगढ़ी में पत्रकारिता 

कुछ विद्वान छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता का प्रारम्भ मुक्तिबोध द्वारा सम्पादित ' छत्तीसगढ़ी ' से मानते हैं जबकि अधिकांश विद्वान माधवराव सप्रे द्वारा पेंड्रा रोड बिलासपुर से सम्पादित ' छत्तीसगढ़ मित्र ' (1900) को मानते हैं।
डॉ . विनय पाठक - भोजली ( बिलासपुर ), धान का कटोरा
सुशील वर्मा - मयारू माटी ( रायपुर )
डॉ. विमल पाठक - चिंगारी के फूल
रंजनलाल पाठक - छ.ग. गौरव
दुर्गा प्रसाद पाटकर - धरोवर ( मासिक )
नंदकिशोर तिवारी - लोकाक्षर ( छत्तीसगढ़ी त्रिमासिक पत्रिका )
जगेश्वर प्रसाद - छत्तीसगढ़ी सेवक ( छतीसगढ़ी साप्ताहिक पत्रिका )
देशबन्धु का विशेषांक - मड़ई ( छत्तीसगढ़ी विशेषांक )
परदेशी राम वर्मा - कहिरी नलिनी तू कुंहलानी ( छत्तीसगढ़ी अनियतकालिव पत्रिका )

याद रखें - छत्तीसगढ़ी लोक-भिलाई . लोकाक्षर- बिलासपुर, मड़ई - बिलासपुर , रऊताही-बिलासपुर से प्रकाशित होती है। आपको ये जानकारी कैसे लगी मेरे साथ शेयर जरूर करें और अन्य टॉपिक के बारे में जानने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें।  धन्यवाद!



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