1. शब्दार्थौ सहितौ वक्र कवि व्यापार शालिनि। बन्धे व्यवस्थितौ काव्यं तद्दाह्लाद कारिणि।। यह काव्य लक्षण किस आचार्य का है?
उत्तर - शब्दार्थौ सहितौ वक्र कवि व्यापार शालिनि। बन्धे व्यवस्थितौ काव्यं तद्दाह्लाद कारिणि।। यह काव्य लक्षण आचार्य कुंतक का है।
Shabdartho sahito vakra kavi vyapar shalini, bandhaye vyavasthitau kavyam tattahlad karini yah kavya lakshan kis aacharya ka hai?
Shabdartho sahito vakra kavi vyapar shalini, bandhaye vyavasthitau kavyam tattahlad karini yah kavya lakshan aacharya Kuntak ka hai.
साहित्य के सिद्धांत तथा आलोचना शास्त्र
भारतीय काव्यशास्त्र अति लघु उत्तरीय प्रश्न
- राजशेखर के अनुसार काव्यशास्त्र के प्रथम आचार्य कौन थे?
- भरतमुनि के अनन्त्तर काव्यशास्त्र के किस आचार्य का नाम लिया जाता है?
- आचार्य भामह ने किस ग्रन्थ की रचना की?
- 'काव्य शोभाकरान धर्मान अलंकरान प्रचक्षते' किस आचार्य की उक्ति है?
- 'शब्दार्थौ सहितौ काव्यम' किस आचार्य की उक्ती है?
- 'अलंकार सार संग्रह' किसकी रचना है?
- आचार्य रुद्रट ने किस काव्यशास्त्रीय ग्रंथ की रचना की?
- ऐसे कौन-से दो आचार्य हैं, जिन्होंने एक ही नाम से दो लक्षण-ग्रंथ की रचना की ?
- आचार्य आनंदवर्धन ने किस लक्षण-ग्रंथ की रचना की?
- व्यक्ति-विवेक की रचना किसने की?
- आचार्य रुय्यक के लक्षण-ग्रंथ का नाम क्या है?
- काव्य का लक्षण 'वाक्यं रसात्मकं काव्यम' किस आचार्य ने किया?
- क्या रुद्रट भरतमुनि का पूर्ववर्ती है?ध
- 500 ईसवी से 1100 ईसवी तक के संस्कृत काव्यशास्त्र को क्या कहा जाता है?
- 'न कान्तमपि निभूर्ष विभाति वनितामुखम' किस आचार्य का कथन है?
- 'काव्यस्यातमा ध्वनिरीति बुधैर्यः समामनात पूर्वः' यह किस आचार्य का कथन है?
- 'तददोषौ शब्दार्थौ सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि' काव्य की यह परिभाषा किस आचार्य की है?
- 'अंगी करोति यः काव्यं शब्दार्थावनलंकृतीः। असौ न मन्यते कास्मादनुष्यमनलंकृतिः।।' यह किस आचार्य का कथन है?
- 'ध्वन्यालोक' किस आचार्य की रचना है?
- 'ध्वन्यालोकलोचन' किसकी रचना है?
- 'ननु शब्दार्थौ काव्यम' यह कथन किसका है?
- शब्दार्थौ सहितौ वक्र कवि व्यापार शालिनि। बन्धे व्यवस्थितौ काव्यं तद्दाह्लाद कारिणि।। यह काव्य लक्षण किस आचार्य का है?
- 'कविप्रिया' किस आचार्य की रचना है?
- 'साहित्य-लहरी' किसकी रचना है?
- भामह ने काव्य के जो हेतु माने हैं, वह कौन-कौन से है?
- अभिनवगुप्त ने प्रतिभा के कितने प्रकार माने हैं?
- आचार्य वामन ने काव्य के कौन-से दो प्रयोजन माने हैं?
- ऊँच नीच अरु कर्म बस चलो जात संसार काव्य प्रयोजन किस आचार्य के हैं?
- संस्कृत के काव्यशास्त्रीयों के अनुसार काव्य के कौन-कौन से भेद हैं?
- धनिक और धनंजय ने रूपक के कितने भेद माने हैं?
- उपरूपक के कितने भेद होते हैं?
- भारतीय काव्यशास्त्र के किस सिद्धांत को सबसे अधिक महत्व प्राप्त हुआ है?
- वामन किस प्रकार के आचार्य हैं?
- विभावानुभाव व्यभिचारी संयोगाद रस निष्पत्तिः यह रस-सूत्र किसका है?
- भरतमुनि के रस-सूत्र की व्याख्या में अनुमितिवाद किसका सिद्धांत है?
- आचार्य भरतमुनि ने रस के कितने अंग माने हैं?
- आचार्य मम्मट ने रसों के कितने स्थायी भाव माने हैं?
- आचार्य विश्वनाथ ने व्यभिचारी भावों की संख्या कितनी मानी है?
- निर्वेद किस रस का स्थायी भाव है?
- भारतीय काव्यशास्त्र में रस निष्पत्ति के प्रसंग में साधारणीकरण की स्थापना किसने की?
- पाश्चात्य काव्यशास्त्री बूचर ने तादात्म्य की स्थिति किसमें मानी है?
- 'काव्यालंकार सूत्रवृत्ति' के रचयिता आचार्य का नाम बताइए?
- धनंजय के ग्रन्थ का क्या नाम है?
- 'रस रहस्य' नामक रीतिग्रंथ के रचियता कौन हैं?
- भरतमुनि ने रसों की संख्या कितनी मानी है ?
- 'उचितानुचित विवेकौ व्युत्पत्तिः' यह कथन किसका है?
- आचार्य मम्मट ने काव्य की क्या परिभाषा दी है?
- संचारी भावों की संख्या कितनी मानी गई है?
- अनुभावों की परिभाषा दीजिये।
- वीभत्स रस का स्थायी भाव बताइये।
- रस ध्वनि को काव्य की आत्मा किसने कहा?
- चित्त की निर्वितर्क दशा को साधारणीकरण किसने माना है?
- "भावों का उत्कर्ष दिखाने और वस्तुओं के रूप, गुण और क्रिया का अधिक तीव्र अनुभव कराने में कभी-कभी सहायक होने वाली उक्ति अलंकार है।" यह कथन किसका है?
- मम्मट ने वैदर्भी रीति को क्या नाम दिया है?
- भरतमुनि के ग्रंथ का नाम लिखिए।
- 'शब्दार्थौ सहितौ काव्यम' किस आचार्य की उक्ती है?
- 'ध्वन्यालोक' किस आचार्य की रचना है?
- भारतीय काव्यशास्त्र में रस निष्पत्ति के प्रसंग में साधारणीकरण की स्थापना किसने की?
- आचार्य वामन ने रीति का क्या अर्थ माना है?
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