12. कारक : Case
कारक किसे कहते हैं
संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं।
उदहारण
- डॉ. नरेंद्र देव वर्मा ने गीता का काम किया।
- अध्यापक ने छात्रों से आज भक्तिकाल के प्रश्न उत्तर पूछे।
आपने अभी जो वाक्य देखें हैं वहां पर पहले उदाहरण में संबंध कारक "ने" और "का" का प्रयोग किया गया है। उसी प्रकार दुसरे उदाहरण में "सम्बन्ध कारक ने" और "करण कारक से" का प्रयोग किया गया है जो संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, कर्म इत्यादि के साथ परस्पर संबंध जोड़ रहे हैं। यदि ये कारक न हो तो इन वाक्यों का अर्थ सार्थक नही होगा। अतः इन शब्दों को जो संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप के साथ क्रिया के साथ जोड़ता है उन्हें इस प्रकार विभक्त किया गया है।
कारक के भेद
कारक के भेद - कारक के आठ भेद होते हैं जो की इस प्रकार हैं
- कर्ता
- कर्म
- करण
- सम्प्रदान
- अपादान
- संबंध
- अधिकरण
- सम्बोधन
1. कर्ता कारक क्या है
कर्ता कारक : कर्ता का अर्थ है करने वाला। संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'ने' है। कर्ता कारक परसर्ग रहित भी हो सकता है ; जैसे की उदाहरण को देखें
- रामु पत्र लिखता है। (परसर्ग रहित)
- रामु 'ने' ब्लॉगिंग सीखा। (परससर्ग 'ने' सहित)
2. कर्म कारक की परिभाषा बताइए
कर्म कारक : जिस संज्ञा या सर्वनाम पर क्रिया का फल पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'को' है। इसका प्रयोग परसर्ग या विभक्ति चिन्ह के बिना भी होता है ;
कर्म कारक के उदाहरण
- शिवम ने उत्तर में हिमालय पर्वत देखा। (परसर्ग रहित)
- गांधी जी ने बच्चो को मिठाई खिलाई। (परसर्ग सहित)
3. करण कारक किसे कहते हैं
करण कारक : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कर्ता के साधन का बोध कराता है, उसे करण कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'से', 'के द्वारा' या 'के साथ' होता है;
करण कारक के उदाहरण
- हम बस से भारत की यात्रा नही कर सकते।
- भगवान राम के द्वारा श्रीलंका और भारत पत्थरों के रास्ते जोड़ा गया।
4. संप्रदान कारक क्या होता है
संप्रदान कारक : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से यह प्रतीत होता है कि क्रिया किसके लिए या किस उद्देश्य से की जा रही है, उसे संप्रदान कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'के लिए' है;
- शिवरात्रि उत्सव देखने के लिए हम काशी गए।
- पौधों में जल अवशोषण के लिए पत्तों का होना आवश्यक है।
5. अपादान कारक का मतलब
अपादान कारक : संज्ञा के जिस रूप से अलग होने, तुलना करने या डरने का भाव प्रकट हो, उसे अपादान कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'से' होता है;
- भागवत से ही भ्रमर गीत सार को सूरदास ने लिखा था।
- पाकिस्तान से भारत बहुत नहीं है।
6. संबंध कारक की परिभाषा
संबंध कारक : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका किसी अन्य संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध प्रकट होता है, उसे संबंध कारक कहते हैं। संबंध कारक का क्रिया से सीधा संबंध नही होता है। इसका विभक्ति चिन्ह 'का, के, की, रा, रे, री तथा ना, ने, नी' होते हैं;
- खिलावन का घर छत्तीसगढ़ में है।
- डॉ नरेंद्र देव ने छत्तीसगढ़ साहित्य का इतिहास लिखा है।
7. अधिकरण कारक किसे कहते हैं
अधिकरण कारक : संज्ञा के जिस रूप से क्रिया के स्थान का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'में', 'पर' हैं; जैसे-
- भूकम्प पर किसी का जोर नही चलता है।
- महासागर पर पानी कहा से आता है।
8. सम्बोधन कारक किसे कहते हैं
सम्बोधन कारक : संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से किसी को पुकारे जाने अथवा सम्बोधित करने का बोध हो, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह 'हे', 'ओ' तथा 'अरे' हैं। सम्बोधन कारक के पश्चात सम्बोधन चिन्ह (!) लगाया जाता है; जैसे-
- हे भगवान! दिवाली क्यों मना जाता है?
- अरे भाई! आप बताओ राजस्थान कितना बड़ा है?
करण कारक और अपादान कारक दोनों में ही 'से' विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है किन्तु फिर भी दोनों में अंतर है।
1. कारण कारक के माध्यम से कर्ता काम करता है -
- अभीषेक कमरे से बाहर आया।
- वह बस से गया है।
1. अपादान कारक में तुलना तथा अलग होने का पता चलता है -
- अभिषेक राधा से छोटा है।
- वह घर से चला गया।
कर्म कारक और सम्प्रदान कारक दोनों में ही 'को' विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है किंतु फिर भी दोनों में अंतर है।
1. कर्म कारक में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है ; जैसे -
- शिक्षक ने विद्यार्थीयो को मारा।
2. सम्प्रदान कारक में कर्ता देने का कार्य करता है ;
जैसे-
- शिक्षक ने विद्यार्थीयों को ज्ञान दिया।
महत्वपूर्ण बिंदु
- संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं।
- कर्म कारक में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है और सम्प्रदान कारक में कर्ता कुछ देने का कार्य करता है।
- अपादान का कारक अलग होने का बोध तथा कारण कारक साधन का बोध कराते हैं।
1. अभ्यास करें इन प्रश्नों के उत्तर देने का
(ख) कर्म कारक में क्रिया का फल किस पर पड़ता है?
(ग) कारक किसे कहते हैं?
2. इनको भी हल करने की कोशिश करें
(क) कारक किसे कहते हैं? तथा कारक कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक कारक का नाम उदाहरण सहित उसके चीन्हन के साथ लिखो।
(ख) करण कारक और अपादान कारक में अंतर स्पष्ट करो।
(ग) कर्म कारक और संप्रदान कारक में अंतर स्पष्ट करो।
3. इन शब्दों को चुनकर खाली स्थानों को भरो।
से में के पर के लिए से
(क) संसार------ग्लोबल वार्मिंग बढ़ता जा रहा है।
(ख) चीन नेपाल------बड़ा है।
(ग) भगवान राम-------भक्त तुलसीदास------भगवान की सदा कृपा रही है।
(घ) नेपाल------बांग्लादेश ने हथियार मंगवाया।
4. सही गलत को पहचानिये
(क) संज्ञा या सर्वनाम शब्द के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं।
(ख) संज्ञा या सर्वनाम का जो रूप कर्ता के साधन का बोध कराता है, उसे संप्रदान कारक कहते हैं।
(ग) संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका किसी अन्य संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध प्रकट हो, उसे करण कारक कहते हैं।
(घ) संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी को पुकारे जाने या सम्बोधित करने का बोध हो, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं।
5. इन वाक्यों में कारक शब्दों को रेखांकित कीजिये।
(क) मेघालय की राजधानी के बारे में जानना चाहिए।
(ख) भारत के भूकंप को देखकर जाने के लिए आये थे क्या?
(ग) दिसंबर 2019 से सितंबर 2020 तक लाखो लोग मारे गए।
(घ) ज्वालामुखी पर भी कोई कविता लिख रहा है।
(ङ) अरे मोहित! सोनू को क्यों मार रहे हो।
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